धनबाद:अपनी भाषा के हक पर हल्लाबोल, युवाओं ने मुख्यमंत्री का पुतला फूंका



तोपचांची: झारखंड में भाषा विवाद की तपिश बढ़ती जा रही है। भाषा विवाद की आंच से अब कोयलांचल के पहाड़ी इलाके भी झुलसने लगा है। झारखंड कर्मचारी चयन आयोग की परीक्षा में भोजपुरी और मगही को क्षेत्रीय भाषा के रूप में शामिल किए जाने के विरोध में झारखंडी भाषा संघर्ष समिति के बेनर तले बेलमी गांव से सैकड़ों युवाओं ने पद यात्रा निकाल कर मदैयडीह चौक पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का पुतला दहन किया। इस दौरान विरोध कर रहे युवाओं ने राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारे बाजी की ।जयराम महतो ने कहा झारखंड कभी बिहार से नहीं मांगा गया था झारखंड चार राज्य से काट कर मांगा गया था। आज बाहरी लोगों झारखंड में आकर कम्पनी खोले और धीरे-धीरे पूरे झारखंड को निगल गई। भोजपुरी भोजपुर की भाषा है मगही मगध की भाषा है इन भाषाओं का यहां सिर्फ प्रवासी लोग बोलते हैं जो झारखंड की मुलवासी नहीं है क्षेत्रीय भाषा मुलवासीयो की भाषा होती है प्रवासियों की नहीं । आने वाले तीस जनवरी को 50 किलोमीटर का मानव श्रृंखला बनेगा अगर राज्य सरकार फिर भी हमारी मांग को नजर अंदाज करती है तो आने वाले समय में इससे भी बड़ी आन्दोलन हमलोग करेंगे । हम किसी व्यक्ति या राज्य से नहीं लड़ रहे हैं हम अपनी राज्य में अपने अधिकार के लिए लड़ रहे हैं । इस दौरान मौके पर संतोष महतो, राजीव रंजन , मुकेश महतो , चोलाराम महतो , विशाल महतो, पिन्टु महतो, नितेश महतो , कृष्णा महतो , पुनम कुमारी, स्वेता कुमारी , भाणु, ईरावती कुमारी, मामता कुमारी, लालजी , सहित सैंकड़ों युवा उपस्थित थे ।

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