संविधान में उल्लेखित जीवन मूल्य हम सबके लिए आदर्श : डॉ मुनीष गोविंद
हजारीबाग। आईसेक्ट विश्वविद्यालय, हजारीबाग के तरवा-खरवा स्थित मुख्य कैंपस में बड़े ही धूमधाम से 73वां गणतंत्र दिवस मनाया गया। विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ पीके नायक ने राष्ट्रीय ध्वज का ध्वजारोहण किया, जिसके बाद सामुहिक रूप से राष्ट्रगान गाया गया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ मुनीष गोविंद ने अपने उद्बोधन में कहा कि 26 जनवरी के ही दिन हमारे देश को पूर्ण स्वायत्त गणराज्य घोषित किया गया था और इसी दिन हमारा संविधान लागू हुआ। ऐसे में हमसभी भारतवासियों के लिए इस दिन की अहमियत काफी बढ़ जाती है। उन्होंने संविधान में उल्लेखित जीवन मूल्य को आदर्श बताते हुए कहा कि हमें अपनी सोंच और व्यवहार में इन आदर्शों का दृढ़ता से पालन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह दिन भारतीय इतिहास में मील का पत्थर है, जिसे स्वतंत्रता प्राप्त करने के लिए बलिदान देने वाले सभी महान व्यक्तियों को सच्ची श्रद्धांजलि देकर मनाते हैं। वहीं विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ पीके नायक ने कहा कि भारतीय संविधान सभी जाति-धर्म, समुदाय को अपने अपने रिति-रिवाजों के साथ जीने का अधिकार देता है। यही वजह है कि पूरे विश्व में भारत, विविधता में एकता का बेहतरीन मिसाल है। उन्होंने कहा कि भारत का संविधान देश के सभी नागरिकों की स्वतंत्रता का संरक्षक है। इस दौरान विश्वविद्यालय के परफार्मिंग आर्ट्स के विद्यार्थियों ने कई देशभक्ति गीतों के ज़रिए एकता के साथ साथ आपसी भाईचारे और राष्ट्र वाद का संदेश दिया, जिसमें ओशिन, विकास, रोहित राज व मनोविज्ञान विभाग की डॉली का नाम शामिल है। सामाजिक विभाग के सहायक प्राध्यापक शिवजी के देशभक्ति से ओतप्रोत जब तक सूरज-चंदा चमके, तबतक हिंदूस्तान रहे, कविता पढ़ा तो तालियों की गड़गड़ाहट से कार्यक्रम स्थल गूंज उठा। इसके अलावा कई प्राध्यापक-प्राध्यापिकाओं व कर्मियों ने गीतों और भाषणों के जरिए अपनी भावनाएं व्यक्त की और साथ ही देश के स्वतंत्रता सेनानियों को याद कर उनके सपनों को साकार करने को लेकर सभी को आगे आने के लिए प्रेरित किया। मंच संचालन हिंदी की सहायक प्राध्यापिका डॉ रोजीकांत ने किया। मौके पर विश्वविद्यालय के सभी प्राध्यापक-प्राध्यापिकाओं व कर्मियों के साथ साथ कई विद्यार्थियों की मौजूदगी रही।

