चौपारण प्रखंड के ग्राम पंचायत सिंघरावां के ग्राम हजारीधमना में मनरेगा योजना को कागजो पर दिखा कर राशि का बंदरबाट करने की पुष्टि होने की बात सामने में आई है। हजारीधमना में मेढबंदी का कार्य कागजो पर किए जाने की लिखित शिकायत पर डीसी के निर्देशानुसार जिला स्तरीय टीम गठित कर मेढबंदी कार्य का जमीनी स्तर पर जांच किया गया। जिसके अनुसार मनरेगा योजना से संबंधित पांच अधिकारी, कर्मचारी एवं प्रभारी मुखिया से 91 हजार 600 रुपये की रिकवरी करने का नोटिस जारी किया गया। नोटिस के अनुरूप मनरेगा मद में राशि जमा किया गया। जांच और रिकवरी होने के बाद हजारीधमना के ग्रामीणों में हड़कंप मच गया और मनरेगा संबंधित कार्यालयों का चक्कर लगाने लगा। इसी के अंतर्गत हजारीधमना के अमित कुमार सिंह को पता चला कि योजना संख्या 3416014023/IF/7080901354280 में 100×100×10 डोभा निर्माण दिखा कर 4 लाख 15 हजार 468 रुपया का निकासी कर लिया गया है। अमित सिंह ने डीसी, डीडीसी,बीडीओ सहित संबंधित अधिकारियों को लिखित शिकायत कर कहा है कि मैंने कभी डोभा निर्माण के लिए आवेदन नही दिया हैं और न ही मुझे जानकारी हैं । इसके बाद भी बिना डोभा निर्माण किये मेरे नाम से मनरेगा योजना मद से लाखो रुपये की निकासी कर बंदरबांट कर लिया गया है। इसकी नियम संगत जांच कर मेरे भूमि पर डोभा का निर्माण किया जाए या मेढबंदी की तरह राशि का रिकवरी किया जाय। अमित सिंह ने कहा कि नियम संगत जांच कर कारवाई नही की गई तो ग्रामीणों के मदद से आंदोलन और अनशन करने पर बाध्य हो जाएंगे। इस संबंध में रोजगार सेवक रामचंद्र दांगी से डोभा के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि डोभा का निर्माण प्रभारी मुखिया पति राजेन्द्र राम और संतोष सिंह ने बराकर नदी के किनारे दूसरे की भूमि पर बनवा दिया हैं ।

