बेटी का जन्म लेना मां के लिए बना अभिशाप,पति ने पत्नी व बेटी को घर से निकाला।



बरकट्ठा:- “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” वाली स्लोगन को तार तार करता एक कलयुगी पिता ने बेटी के जन्म पर पत्नी तथा बेटी को घर से प्रताड़ित करते हुए निकाल दिया। यह दर्द ससुराल से बच्ची के साथ निकाली गई अंजुबाला की है। वह अपने पति का प्रेम और बच्ची के पिता का प्यार के लिए हर किसी के पास गई और न्याय के लिए करीब नौ साल से ठोकर खा रही है। लेकिन उसे आज तक न्याय नहीं मिलने से वह अपने जीवन से तंग हो गई है। वह बताती है कि केवल अपने बेटी के लिए जिंदगी को ढो रहे हैं। उसने बताया कि उसकी शादी वर्ष 2011 में गोला, रामगढ़ निवासी दीपक कुमार वर्मा के साथ हुई। शादी के दो वर्ष तक सब ठीक रहा। लेकिन वर्ष 2013 में उसने एक बच्ची को जन्म देने के बाद पति और ससुराल परिवार द्वारा प्रताड़ना का सिलसिला शुरू हुआ। चार साल तक ससुराल में प्रताड़ना का दंश झेलते हुए रह रहे थे। इसके बाद उसके पति ने पिटाई शुरू कर दी। 2017 में उसे व उसकी बेटी को ससुराल से निकाल दिया गया। अंजुबाला कहती है कि उसका दोष सिर्फ एक बच्ची को जन्म देने का है। ससुराल से निकाले जाने के बाद वह मायके में रहने को विवश है। उसने बरकट्ठा थाना में अपने पति और ससुराल परिवार पर केस की है। बताया कि पुलिस भी समझौता के लिए कई बार अंजुबाला के पति को बुलायी। लेकिन वह समझौता के लिए तैयार नहीं हुआ। अंजुबाला की नौ वर्षीय बेटी आरोही श्री बताती है कि उसके पिता मम्मी की पिटाई करते थे और मुझे भी मारते थे। आरोही श्री कहती है कि पापा मुझे नहीं रखना चाहते हैं।

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