

2 मार्च, जमशेदपुर
झारखंड स्टेट टीचर कोऑर्डिनेटर सोनाली सिंह द्वारा कदमा में बच्चो के लिए दो दिन की दी आर्ट ऑफ लिविंग की प्रज्ञा योगा कार्यशाला संपन्न।
प्रज्ञा योग मन की पांच इंद्रियों से परे देखने और छठी इंद्री में जाने की क्षमता है जिसे हम अंतर्ज्ञान के रूप में जानते हैं। अंतर्ज्ञान सही विचार है, साथ ही सही समय पर सही क्रिया भी है। एक मजबूत और अच्छी तरह से विकसित अंतर्ज्ञान होने से आपको अच्छे निर्णय लेने और बेहतर संवाद करने में मदद मिलती है। कार्यशाला को सफल बनाने में स्टेट चिल्ड्रन एंड टींस कोऑर्डिनेटर मयंक सिंह के साथ वॉलंटियर यद्रम पटेल और तन्मय सरायवाला ने बढ़ चढ़ के भाग लिया और क्रार्यशाला को सुचारू रूप से सफल बनाने में प्रीति सरायवाला और सुधांशु लाल का महत्वपूर्ण योगदान रहा।बच्चो को इस कार्यशाला से अंतर्ज्ञान में सुधार संवेदी क्षमताओं को बढ़ाने की शक्ति दूरदर्शिता में सुधार आत्मविश्वास की बढ़ोतरी अज्ञात का भय दूर रचनात्मकता जैसे गुण 5 और 6 मार्च को रांची में प्रज्ञा योग कार्यशाला हो रही है।

