फोटो : एक एकड़ वन भूमि पर लगे पोस्ते की खेती नष्ट, तस्करों में हड़कंप
उग्रवाद प्रभावित जंगली क्षेत्रो दो सौ एकड़ में हो रही अफीम
चौपारण प्रखण्ड के झारखंड-बिहार के सीमावर्ती पंचायत चोरदाहा, दैहर, भगहर-भंडार के उग्रवाद प्रभावित जंगली क्षेत्रों में बड़े भूखंड पर वृहद पैमाने पर पोस्टों अफीम की खेती की जा रही है। गुप्त सूचना के आधार पर बरही डीएसपी नाज़िर अख्तर के निर्देश पर शनिवार को पुलिस और वन विभाग द्वारा प्रतिनियुक्त मजिस्ट्रेट के साथ पोस्ते की खेती के विरुद्ध चौपारण पुलिस ने चलाया अभियान । संयुक्त अभियान में चमरगड्ढा के आसपास लगे एक एकड़ वन भूमि पर पोस्ते की खेती को नष्ट किया। वन क्षेत्र के दो सौ एकड़ से अधिक भूमि पर आज भी पोस्ते की खेती लहलहा रहा है। पोस्ते की खेती के विरुद्ध अभियान से तस्करों में हड़कंप मचा है। पिछले एक माह से विभिन्न क्षेत्रों में मादक पदार्थ अफीम तथा अवैध शराब के विरुद्ध अभियान चलाया जा रहा है। तस्करों के विरुद्ध प्रशासनिक कारवाई नही होने से कारोबारियों का मनोबल बढ़ रहा है। तस्करों द्वारा उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों के नदी-नालों, घने जंगलों तथा पठार की तलहटी में अफीम की खेती कर रहे है। जंगल मे जहां पानी का स्रोत तथा नदी-नाले हैं उसके आसपास अधिक अफीम की खेती की जा रही है। पोस्ते की खेती चार माह में तैयार होती है। स्थानीय प्रशासन तक क्षेत्र में लगे अफीम की खेती की जानकारी मिल जाती है, लेकिन खेती नष्ट करने का अभियान पोस्ते से अफीम व अन्य मादक पदार्थ निकलने के बाद अफीम खेत के पौधे पर प्रशासन का डंडा चलता है। अफीम तस्कर और प्रशासनिक गठजोड़ के कारण क्षेत्र में पिछले पांच वर्षों से क्षेत्र में बड़े पैमाने पर पोस्ते की खेती हो रही है। दैहर और चोरदाहा के जंगली क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर पोस्ते की खेती हुई है। पोस्ते का पौधा तैयार है। पौधे से अफीम निकालने का काम तेजी से चल रहा है। पोस्ते की खेती नष्ट अभियान में प्रतिनियुक्त मजिस्ट्रेट जेई अभिषेक कुमार चौपारण थाना प्रभारी स्वपन महतो, एएसआई सहदेव मुंडा, वनपाल राहुल कुमार, वनरक्षी अजित गंझू सहित सशत्र पुलिस जवान शामिल थे।
चौपारण : प्रखण्ड के वन क्षेत्र के आड़ में दर्जनों गांवों में कुछ तस्करों द्वारा स्थानीय लोगों से मिलकर भारी मात्रा में खेती की जा रही है और प्रशासन ऐसे फसलों को नष्ट करने का अभियान चला रही है। शुक्रवार को भी अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी बरही के निर्देश पर प्रखण्ड के चमरगडा के टोला बाररागडा में वन भूमि के लगभग एक एकड़ भूमि पर लगे अफीम व पोस्ता के फसल को नष्ट किया गया। टीम में अंचल कार्यालय द्वारा प्रतिनियुक्त मजिस्ट्रेट जूनियर इंजीनियर अभिषेक कुमार,थाना प्रभारी स्वपन कुमार महतो, वन विभाग के पदाधिकारी प्रभारी वनपाल राहुल कुमार, वनरक्षी अजित कुमार गंझू , सहायक अवर निरीक्षक सहदेव मुंडा एव चौपारण थाना के सशस्त्र बल शामिल थे।
फसल नष्ट पर खेती करने वालो पर कार्रवाई कब
प्रशासन कई बार टीम बनाकर घनघोर जंगलों में फसलों को नष्ट कर चुके हैं लेकिन खेती करने वाले लोगों पर शायद ही कभी कार्रवाई की गई हो । ऐसे लोगो को न तो प्रशासन से भय है न ही वन विभाग से। ऐसे लोग और तेजी से जंगल के कई एकड़ में लगे वनों को उजाड़ रहे हैं । उसको खेत बनाकर गैर कानूनी कार्य मे उपयोग कर रहे हैं। वनों की देख रेख के लिए वन विभाग के अधिकारी प्रतिनियुक्त हैं फिर भी वनों को भूमि को उजाड़ कर गैर कानूनी कार्य मे उपयोग किया जा रहा है और विभाग को इसकी फिक्र नही है। यही कारण है कि ऐसे खेती करने वालों लोगों की संख्या में लगातार बृद्धि भी हो रहा है और भारी मात्रा में जंगलों को उजाड़ा जा रहा है। पता नहीं विभाग ऐसे लोगों पर इतनी मेहरबान क्यो होती है। फसल तो नष्ट कर देती है पर खेती करने वाले तस्करो की जानकारी मिलने के बाद भी वन भूमि पर होने के कारण कार्रवाई नहीं होती है। और जबतक ऐसे लोगों पर कार्रवाई नहीं होगी तब तक मौत की खेती होती रहेगी।

