जिनेवा.
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच जिनेवा में शिखर सम्मेलन जारी है। मुस्कुराते चेहरों के साथ दोनों नेताओं ने हाथ मिलाकर इस सम्मेलन की शुरुआत की। पूरी दुनिया की नजर दो महाशक्तियों के इस बैठक पर टिकी हुई है। माना जा रहा है कि इस मुलाकात के दौरान दोनों नेता कई विवादित मुद्दों पर समाधान ढूंढने की कोशिश करेंगे।
बाइडन के राष्ट्रपति बनने के बाद पुतिन से पहली मुलाकात
अमेरिका के राष्ट्रपति बनने के बाद बाइडन की पुतिन के साथ यह पहली मुलाकात है। इससे पहले वह बराक ओबामा के कार्यकाल में उपराष्ट्रपति रहते हुए पुतिन से मुलाकात कर चुके हैं। 2011 में हुई उस मुलाकात के समय पुतिन रूस के प्रधानमंत्री थे। तब भी वापस आने के बाद बाइडन ने पुतिन की बुराई की थी।
चरम तनाव के बीच हो रही है यह बैठक
यह बैठक ऐसे समय पर हो रही है, जब दोनों देशों के नेताओं का मानना है कि अमेरिका और रूस के संबंध पहले कभी इतने खराब नहीं रहे। पिछले चार महीनों से दोनों नेताओं ने एक दूसरे के खिलाफ तीखी बयानबाजी की है। बाइडन ने अमेरिकी हितों पर रूस समर्थित हैकरों के साइबर हमलों को लेकर पुतिन की कई बार आलोचना की है, जबकि पुतिन का कहना है कि उनके देश ने न तो अमेरिकी चुनाव में हस्तक्षेप किया और न ही किसी प्रकार के साइबर हमले किए।
यह है शिखर सम्मेलन का प्रारूप
पहले चरण में बाइडन, पुतिन, अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव एक गुप्त बैठक करेंगे। प्रत्येक पक्ष के साथ एक-एक अनुवादक होगा। इसके बाद दोनों पक्षों के पांच-पांच वरिष्ठ सहयोगी बैठक में शामिल होंगे। बाइडन पुतिन की पहली बैठक की पूरी जानकारी सार्वजनिक नहीं की जाएगी।
रूस पर हमलावर रहे हैं बाइडन, क्या अपनाएंगे नरम रूख
20 जनवरी को अमेरिका के राष्ट्रपति का पदभार संभालने के बाद से जो बाइडन रूसी राष्ट्रपति पुतिन पर हमलावर रहे हैं। बाइडन ने कुछ महीने पहले ही पुतिन को हत्यारा और विरोधी तक कह दिया था। अपने चुनावी भाषणों के दौरान जो बाइडन चीन की तुलना में रूस को बड़ा खतरा बता चुके हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या वह रूस के साथ द्विपक्षीय विवादित मुद्दों पर नरम रूख रखेंगे?
इन मुद्दों पर हो सकती है चर्चा
इस बैठक के दौरान अमेरिका और रूस के बीच व्यापार एवं हथियार नियंत्रण जैसे मुद्दों पर चर्चा हो सकती है। शिखर सम्मेलन में सामरिक स्थिरता, साइबर सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन, कोरोना वायरस महामारी और आर्कटिक जैसे विषय होंगे। पुतिन और बाइडन यूक्रेन, सीरिया और लीबिया जैसे क्षेत्रीय संकटों पर भी चर्चा कर सकते हैं। साथ ही वे ईरान के परमाणु कार्यक्रम और अफगानिस्तान पर भी विचार-विमर्श करेंगे।
रूस को बैठक से कोई खास उम्मीद नहीं
पुतिन के विदेश मामलों के सलाहकार यूरी यूशाकोव ने कहा कि मॉस्को एवं वॉशिंगटन में तनाव के बीच यह बैठक महत्वपूर्ण है लेकिन उम्मीदें ज्यादा नहीं हैं। यूशाकोव ने कुछ दिनों पहले कहा था कि दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंध जब बहुत बुरे दौर में हैं तब इस तरह की पहली बैठक हो रही है। दोनों पक्ष महसूस करते हैं कि लंबित मुद्दों पर बातचीत शुरू करने की जरूरत है।