दुमका की नामांकन सह आशीर्वाद सभा में हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा कि हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली सरकार वोट बैंक के लिए मुस्लिम तुष्टिकरण एवं बांग्लादेशी घुसपैठ को बढ़ावा दे रही है. हेमंत सोरेन अब आदिवासियों के नेता नहीं बल्कि घुसपैठियों के सरदार बन गए हैं. उन्होंने कहा कि झारखंड में बंटी एवं बबली की सरकार चल रही है.
दुमका, मणिचयन मिश्र-दुमका जिले की चारों विधानसभा सीटों के लिए भाजपा प्रत्याशियों ने सोमवार को नामांकन दाखिल किया. नामांकन के बाद दुमका के यज्ञ मैदान में भारतीय जनता पार्टी की नामांकन सह आशीर्वाद सभा का आयोजन किया गया. नामांकन सह आशीर्वाद सभा में उपस्थित भाजपा कार्यकर्ता एवं मतदाताओं को संबोधित करते हुए असम के मुख्यमंत्री और झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा के सह प्रभारी हिमंता बिस्वा सरमा गठबंधन सरकार और इसके मुखिया हेमंत सोरेन पर जमकर बरसे. उन्होंने कहा कि झारखंड विधानसभा चुनाव सामान्य चुनाव नहीं है. यह चुनाव संताल परगना को बांग्लादेशी घुसपैठियों से मुक्त कराने और संताल परगना की डेमोग्राफी के बदलाव को रोकने के लिए चुनाव है.
असम की तरह संताल परगना की बदल रही डेमोग्राफी
कामरूप कामाख्या भगवती, बाबा बैद्यनाथ एवं बासुकीनाथ को नमन करने के बाद भारत माता की जय के साथ हिमंता बिस्वा सरमा ने अपना संबोधन प्रारंभ किया. उन्होंने कहा कि जिस तरह से बांग्लादेशी घुसपैठ के कारण असम की डेमोग्राफी बदल गयी है. आज वहां 40% मुस्लिम आबादी हो गयी है. असम के सामान्य लोगों ने बांग्लादेशी घुसपैठ की समस्या की गंभीरता को नहीं समझा. भाजपा से पहले की सरकारों ने अपने वोट बैंक के लिए बांग्लादेशी घुसपैठ पर रोक लगाने की बजाय उसे बढ़ावा दिया. इसके कारण असम की डेमोग्राफी पूरी तरह से बदल गयी. असम की तर्ज पर बांग्लादेशी घुसपैठ से संताल परगना की डेमोग्राफी बदल रही है. यहां के जनजाति समाज की आबादी लगातार घट रही है और मुसलमानों की आबादी बढ़ रही है.
संताल में मुसलमान की आबादी 20 फीसदी से अधिक
आज संताल परगना में मुसलमान की आबादी 20% से अधिक हो गयी है. इसका बहुत बड़ा कारण बांग्लादेशी घुसपैठ है. हेमंत सोरेन की सरकार घुसपैठ पर रोक लगाने की बजाय इसे बढ़ावा दे रही है. यह घुसपैठिए यहां की जमीन एवं संपदा पर कब्जा करने के साथ-साथ यहां की संस्कृति को भी नष्ट कर रहे हैं. संताल समाज की लड़कियों को बहला फुसलाकर कर उनसे शादी करते हैं और उनकी संपत्तियों पर कब्जा करने के साथ-साथ अनुसूचित जनजाति को मिलने वाली सुविधाओं का लाभ भी उठा रहे हैं. जिन संताल लड़कियों से वह शादी करते हैं, उनका धर्म परिवर्तन कराते हैं और अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित सीटों पर चुनाव लड़ा कर राजनीतिक पावर भी हासिल करते हैं. यहां की जनजातीय महिलाओं के साथ-साथ अन्य समाज की बालिकाओं पर भी लगातार अत्याचार हो रहा है, लेकिन हेमंत सोरेन और उनकी पार्टी इसे रोकने की बजाय घुसपैठियों को बढ़ावा दे रही है.