आदिवासियों के बीच रहने वाले सौरव: आईआईटी मद्रास में बने गोल्ड मेडलिस्ट, स्कालरशिप से आस्ट्रेलिया के सिडनी में करेंगे पीएचडी की पढ़ाई


बृजेंद्र दुबे। मिर्जापुर

उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले के आदिवासी इलाके महमदपुर गांव निवासी छात्र सौरव मिश्र ने आईआईटी मद्रास से गोल्ड मेडल पाकर जिले का नाम रोशन कर दिया है. सौरव मिश्र किसान परिवार में जन्म लिए और खेती किसानी से निकलकर आईआईटी मद्रास से एमएससी फिजिक्स में 1st रैंक हासिल किया. आदिवासी व नक्सल प्रभावित इलाके मड़िहान के रहने वाले सौरव मिश्र दिल्ली के सेंट स्टीफन कालेज से फिजिक्स अनार्स की बैचलर डिग्री हासिल करने के बाद उन्होंने 2020 में आईआईटी मद्रास से एमएससी फिजिक्स में प्रवेश लिया. उसी वक्त कोरोना महामारी का दौर शुरू हो गया. सौरव मिश्र सोनभद्र में एक किराए के कमरे में अपने माता पिता के साथ रहकर ऑनलाइन पढ़ाई किए. जिसके बाद सफलता उनके हाथ लगी और प्रथम स्थान हासिल किया। सौरव मिश्र की 12वीं तक की शिक्षा दीक्षा डीएवी स्कूल रॉबर्ट्सगंज से हुई. वह आईआईटी मद्रास से गोल्ड मेडल पाकर जिले और परिवार का नाम रोशन कर दिया.आईआईटी मद्रास के छात्र सौरव मिश्र को मैकवायर यूनिवर्सिटी आस्ट्रेलिया ने स्कालरशिप देने का एलान किया है. अब छात्र सौरव मिश्र मैकवायर यूनिवर्सिटी से मिलने वाले स्कॉलरशिप से आस्ट्रेलिया के सिडनी में पीएचडी की पढ़ाई के लिए चयनित हो गए है. सौरव मिश्र के पिता बिंदेश्वरी प्रसाद मिश्रा और दादा देवी प्रसाद मिश्रा किसानी का काम करते है. सौरभ मिश्रा तीन भाइयों में सबसे छोटे है. इनके बड़े भाई दीपक मिश्रा और गौरव मिश्रा है.

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