विद्यालय से बाहर के बच्चों को विद्यालयी शिक्षा से जोड़ने के लिए शिक्षकों का चार दिवसीय प्रशिक्षण प्रारंभ सोनो व चकाई के 47 शिक्षक ले रहे हैं प्रशिक्षण में भाग



जमुई से सरोज कुमार दुबे की रिपोर्ट



जिले के सोनो प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत विद्यालय से बाहर के अनामांकित व छीजित बच्चों की पहचान कर उन्हें विद्यालयी शिक्षा की मुख्यधारा में शामिल करना है।इसके लिए विभाग प्रयास कार्यक्रम का संचालन कर रही है। इसी के तहत प्रखंड के विभिन्न विद्यालयों के नामित शिक्षकों को प्रशिक्षित भी किया जा रहा है।सोमवार को स्थानीय बीआरसी में सोनो व चकाई के 47 शिक्षकों का चार दिवसीय प्रशिक्षण प्रारम्भ हुआ। प्रशिक्षण की शुरुआत कर शिक्षा पदाधिकारी सीताराम दास, पूर्व बीआरपी प्रदीप कुमार आर्य, राजेंद्र दास ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया। प्रशिक्षण की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी सीताराम दास ने कहा कि बच्चों के छीजन को रोकने के लिए हमें भावनात्मक रूप से संवेदनशील होकर कार्य करने की जरूरत है। सामाजिक और आर्थिक कारण के साथ ही भावनात्मक कारण भी बच्चों के छीजन के लिए जिम्मेदार है। हम शिक्षकों को गरीब और वंचित वर्ग के बच्चों के प्रति भावनात्मक रूप से संवेदनशील बनना होगा। शिक्षकों को छीजित बच्चों के अभिभावक का किरदार भी निभाना होगा। वहीं प्रशिक्षक राजीव कुमार, रंजन कुमार ने बताया कि विद्यालय से बाहर के बच्चों में अनामांकित और छीजित दोनों प्रकार के बच्चे शामिल हैं। उन्हें विद्यालयी शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ने के उद्देश्य शिक्षकों को प्रशिक्षण का आयोजन किया गया है। इस चार दिवसीय प्रशिक्षण के दौरान शिक्षकों को आवश्यक कौशलों की जानकारी दी जाएगी। शिक्षकों की गतिविधि आधारित शिक्षण के महत्व को बताया जाएगा। गतिविधि आधारित शिक्षण से ही विद्यालय से बाहर रहे बच्चों का जुड़ाव विद्यालय से संभव हो सकेगा।प्रशिक्षण में शिक्षकों को आरटीई की भी जानकारी दी जाएगी। मौके पर शिक्षक शशि शेखर सुमन,मनोज सिंह चौहान, प्रदीप कुमार आदि मौजूद रहे।

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