गया के खिज़िरसराय प्रखण्ड में पंचायत चुनाव में वार्ड सदस्य के नामांकन एवं संवीक्षा के बाद एक वार्ड सदस्य के नामांकन रद्द करने की मांग और नामांकन रद्द नहीं होना खिजरसराय में चर्चा का विषय बना हुआ है। भाजपा नेता मनंजय सिंह ने प्रखण्ड विकास पदाधिकारी एवं अनुमण्डल पदाधिकारी के पास किये गए शिकायत के बाद भी एक वार्ड सदस्य का नामांकन रद्द नहीं होने के बाद ये आरोप लगाया है कि आज की तारीख में अधिकारी अपने फायदे के लिए एक ही एक ही कोटि के सदस्य को दो अलग अलग प्लेटफॉर्म पर अलग अलग महत्व देंतें हैं। ये मामला वार्ड सदस्य के नामांकन के बाद नामांकन रद्द नही होने पर उछाला जा रहा है। कभी वो और उसका परिवार किसी पर एससी एसटी एक्ट का मुकदमा करता है तो ये कह कर एससी एसटी एक्ट हटा दिया जाता है कि आप एस सी कटेगोरी में नहीं हैं पर इसी का परिवार एससी के लिए आरक्षित सीट पर नामांकन करता है और इसे वोहिं अंचल अधिकारी वैध बताएं जिनके प्रतिवेदन पर dsp ने एससी एसटी एक्ट हटाये थे।
क्या है मामला जिसके बाद ये बात सामने आई।
खिजरसराय थाने के नगरियावां गांव के बबिता कुमारी पति सन्तोष चौधरी ने गांव के ही अभिषेक कुमार और कारू सिंह के साथ सरोज सिंह पर मारपीट करने एवं जाती सूचक शब्द का इस्तेमाल करने को लेकर एक प्राथमिकी संख्या 91 दिनांक 04/04/21 दर्ज किया गया था। जिसके बाद इस मामले में अभियुक्तों ने बबिता देवी एवं उसके परिवार के एस सी एसटी कोटि के नहीं होने की बात कह उसकी जाती प्रमाण पत्र की जांच करने की मांग कर दी। जिसके बाद आरक्षी उपाधीक्षक नीमचक बथानी के द्वारा कांड के जांच के दौरान बबिता देवी के परिवार के जाती के विषय मे अंचल अधिकारी के कार्यालय से जांच प्रतिवेदन की मांग की जिसके बाद अंचल अधिकारी ने अपने प्रतिवेदन संख्या 246 दिनांक 15/04/21 में आरक्षी उपाधीक्षक को लिखा कि वादी के एवं उसके परिजन के खतियान में मलशिकार जाती का उलेख्य है जो कि बिहार सरकार के गजट में अनुसूचित जाति की सूची में नहीं हैं। इस प्रकार उक्त प्रतिवेदन के आधार पर आरक्षी उपाधीक्षक विनय कुमार शर्मा ने अपने जांच प्रतिवेदन संख्या 1324 दिनकन 31/05/ 21 के तहत प्राथमिकी संख्या 91/ 21 से एस सी एसटी एक्ट को हटाते हुए गलत जाती प्रमाण पत्र बनाने को लेकर करवाई करने का आदेश दिया था। गौर करने बाली बात ये है कि जिस अंचल अधिकारी के प्रतिवेदन के आधार पर एस सी एसटी एक्ट हटाया गया उसी अंचल अधिकारी के द्वारा बबिता कुमारी के पति सन्तोष चौधरी के चाचा राजेश चौधरी का एस सी कटोगेरी के पासी जाती का प्रमाण पत्र निर्गत किया गया और फिर इस प्रमाण पत्र के सहारे उन्होंने उचौली पंचायत के वार्ड संख्या 13 वार्ड सदस्य के पद से नामांकन दर्ज किया। नामांकन दर्ज होने के बाद कुछ लोग उसके नामांकन रद्द होने का इंतजार कर रहें थें पर शिकायत के बाद भी संवीक्षा में राजेश चौधरी का नामांकन रद्द नहीं हुआ इसके बाद ये मामला चर्चा में आया।
भाजपा नेता मनंजय सिंह का आरोप है कि खतियान एवं केश से नाम हटाये जाने को लेकर एक परिवार को पहले एस सी कोटि से बाहर बता दिया गया फिर उसे एस सी केटेगरी के तहत जाती प्रमाण पत्र भी निर्गत किया गया है। सिंह ने बताया कि पूरा मामले को लेकर एसडीएम एवं बीडीओ को शिकायत किया गया लेकिन नामांकन रद्द नहीं हुआ। भाजपा नेता सिंह ने कहा कि जब किसी को एस सी एसटी एक्ट से बचाना है तो उसके परिवार को अनुसूचित जाति से बाहर कर दो और जब उसे नामांकन कराना है तो अनुसूचित जाति में शामिल कर दो ये कहां की दो रंगी नीति है। इस मामले में अंचल अधिकारी विनोद कुमार चौधरी ने कहा कि खतियान के आधार पर जाती का निर्धारण होता है और जाति प्रमाण बनाने के पूर्व खतियान की जांच होती है और अगर बनाये गए जाती प्रमाण पत्र के आधार पर कोई नामांकन किया है तो इसमें फिलहाल कुछ कहना उचित नहीं हैं। ये जांच का विषय है।
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