पटना : बिहार में जहरीली शराब अपना कहर बरसा रहा है। जिससे बिहार के सीवान और छपरा में अबतक कुल 27 लोगों की मौत हो चुकी है,जिसके बाद से बिहार की सियासत गरमा गई है। वही इस घटना पर बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने नीतीश सरकार को घेरकर निशाना साधते हुए सोशल मीडिया X पर एक पोस्ट साझा किया है और लिखा है कि सत्ता संरक्षण में ज़हरीली शराब के कारण 27 लोगों की हत्या कर दी गयी है। दर्जनों की आंखों की रोशनी चली गयी। बिहार में कथित शराबबंदी है लेकिन सत्ताधारी नेताओं-पुलिस और माफिया के गठजोड़ के कारण हर चौक-चौराहों पर शराब उपलब्ध है। इतने लोग मारे गए लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शोक-संवेदना तक व्यक्त नहीं की। जहरीली शराब से,अपराध से प्रतिदिन सैकड़ों बिहारवासी मारे जाते हैं लेकिन अनैतिक और सिद्धांतहीन राजनीति के पुरोधा मुख्यमंत्री और उनकी किचेन कैबिनेट के लिए यह सामान्य बात है।
कितने भी लोग मारे जाए लेकिन मजाल है किसी वरीय अधिकारी पर कोई कार्रवाई हो? इसके विपरीत उन्हें पुरस्कृत किया जाएगा? अगर शराबबंदी के बावजूद हर चौक-चौराहे और नुक्कड़ पर शराब उपलब्ध है तो क्या यह गृह विभाग और मुख्यमंत्री की विफलता नहीं है? क्या मुख्यमंत्री जी होशमंद है? क्या CM ऐसी घटनाओं पर एक्शन लेने व सोचने में सक्षम और समर्थ है? इन हत्याओं का दोषी कौन? लेकिन जब इस घटना के संबंध में बिहार के मद्य निषेद्य मंत्री रत्नेश सदा से पूछा गया कि इस घटना के पीछे क्या सरकार की विफलता है तो उन्होंने कहा कि बुड़बकों जैसी बात मत कीजिए। सरकार ने शराबबंदी कानून को लागू किया है लेकिन समाज को भी जागरूक होने की जरूरत है और उन्हें लागू किये गए कानून पर चलने की जरूरत है। फिलहाल आज उन्होंने एक बड़ी घोषणा करते हुए इस पूरे मामले में सभी शराब माफियाओं पर CCA लगाया जाएगा।