जमुई से सरोज कुमार दुबे की रिपोर्ट
जिले के सोनो प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत बड़े भाई के जानलेवा हमले में घायल छोटा भाई आखिरकार जिंदगी की जंग हार गया और घटना के 18 दिनों बाद इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। मृतक की पहचान थाना क्षेत्र के लखनकियारी पंचायत के हड़वापहड़ी कोरिया के बोढ़न यादव के पुत्र
योगेंद्र यादव (43) के रूप में हुई है।बताया जाता है कि विगत 25 अक्टूबर को घरेलू विवाद में बड़े बड़ा भाई जागेश्वर यादव ने छोटे भाई योगेंद्र यादव के सिर पर धारदार हथियार से हमला कर दिया था। इस घटना में योगेंद्र गंभीर रूप से घायल हो गया था। परिजनों द्वारा इलाज के लिए उसे
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सोनो लाया गया, जहां से उसकी गंभीर स्थिति को देखते हुए उसे बेहतर इलाज के लिए सदर अस्पताल जमुई रेफर कर दिया गया था। सदर अस्पताल से उसे फिर पटना रेफर किया गया। करीब एक पखवाड़े तक उसका पटना के एक निजी अस्पताल में इलाज हुआ पर उसकी स्थिति में सुधार नहीं हुआ। अस्पताल प्रशासन ने भी जवाब दे दिया।आखिरकार परिजन उसे झाझा ले आए और रेफरल अस्पताल झाझा में एडमिट कर दिया, जहां सोमवार को उसकी इलाज के दौरान मौत हो गई। सोमवार देर शाम मृतक का शव घर पहुंचा तो परिजनों में चित्कार मच गया। स्थानीय थाना के एसआई मनकेश्वर प्रसाद, एसआई विशाल कुमार सिंह पुलिस
जवानों के साथ मौके पर पहुंचे और आवश्यक कार्रवाई करते हुए लाश को पोस्टमार्टम के लिए जमुई भेज दिया। वहीं पुलिस निरीक्षक का थाना अध्यक्ष दीनानाथ सिंह ने बताया है कि आरोपित की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है। सब कुछ लुटाकर भी नहीं बचा पाए बेटे को घायल योगेंद्र की मौत के बाद परिजनों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है।वहीं घर का एकमात्र कमाऊ सदस्य था। लाश के घर पहुंचते ही पत्नी सरस्वती देवी सहित बच्चों के विलाप से माहौल गमगीन हो गया। लाठी के सहारे खड़े बूढ़े बाप बोढ़न यादव की आंखों से आंसू थम नहीं रहा था। आरोपित बड़ा बेटा पहले से ही उसे अलग कर रखा था। छोटा बेटा ही उनके जीने का सहारा था। अब वह भी नहीं रहा, अब उनकी सेवा कौन करेगा। बूढ़े पिता बेटे की लाश को देखकर यह कहते हुए फफक फफक कर रो पड़ते हैं कि सबकुछ लुटाकर भी बेटे को नहीं बचा सके। मुखिया प्रतिनिधि दिगंबर पांडेय परिजनों को सांत्वना दे रहे थे। उन्होंने परिजनों को मृतक की अंत्येष्टि के लिए आर्थिक सहायता भी की।