सोनो(जमुई):-दावत ए इफ्तार गंगा-जमुनी तहजीब की मिसाल है




जमुई से सरोज कुमार दुबे की रिपोर्ट



पाक रमजान के मौके पर अंचल कार्यालय में दावत ए इफ्तार का आयोजन किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में रोजेदारों के साथ ही विभिन्न संप्रदाय के लोग शामिल हुए। अंचलाधिकारी सुमित कुमार आशीष के नेतृत्व में आयोजित इस इफ्तार पार्टी के बाद रोजेदारों ने नमाज अता कर देश और दुनिया में अमन खुशहाली की दुआ मांगी। मौके पर सीओ ने कहा कि मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना। सोनो में दीवाली हो या रमजान, मुहर्रम हो या होली, हर पर्व पर दोनों समुदायों के लोग मिल-जुलकर हिस्सा लेते हैं। यह परंपरा वर्षों से चली आ रही है। इसे बनाए रखने की जिम्मेदारी अब युवाओं की है।सीओ ने कहा कि सोनो की गंगा-जमुनी संस्कृति पूरे देश के लिए मिसाल है। यहां के लोग आपसी भाईचारे की मिसाल पेश करते हैं। इस तरह की संस्कृति को अपनाकर दूसरे इलाकों को भी सीख लेनी चाहिए।बीडीओ मु मोइनुद्दीन ने कहा कि सीओ की यह पहल सराहनीय है। समाज में फैल रही कटुता के बीच यह आयोजन सौहार्द और सद्भाव का संदेश देता है। पूर्व मुखिया नियाज अंसारी ने कहा कि सोनो की परंपरा रही है कि हिन्दू-मुस्लिम एक-दूसरे के त्योहारों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं। मुहर्रम के ताजिया हिन्दू भाई उठाते हैं, तो छठ में मुस्लिम भाई भी भाग लेते हैं। ईद, बकरीद, होली या दशहरा में कोई भेद नहीं दिखता कि कौन हिन्दू है और कौन मुसलमान। जैसे ही घड़ी की सुई ने शाम के 6 बजने का संकेत दिया, रोजेदारों ने रोजा खोला। इसके बाद सभी ने एक साथ बैठकर फलों, सूखी मेवा और नमकीन से सजी थाल का आनंद लिया।

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