हेमंत सोरेन की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रहीं। झारखंड हाई कोर्ट में जहां उनके खिलाफ दाखिल दो-दो याचिकाओं के जरिये सीबीआइ जांच की मांग पर विशेष सुनवाई हो रही है।वहीं चुनाव आयोग ने उनको अपने नाम पर खदान लीज लेने के मामले में अयोग्यता का नोटिस दे रखा है। इस बीच हेमंत सोरेन की मुश्किल बढ़ाने वाली एक और खबर रांची की विशेष अदालत से आई है। आचार संहिता उल्लंघन के केस में हेमंत सोरेन के हाजिर नहीं होने पर कोर्ट ने रांची जिला प्रशासन के आग्रह पर उन्हें आखिरी बार एक मौका दिया है।
रांची व्यवहार न्यायालय स्थित एमपी-एमएलए की विशेष अदालत में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से जुड़े चुनाव आचार संहिता उल्लंघन की सुनवाई चल रही है। गुरुवार को अदालत ने सुनवाई के लिए तिथि निर्धारित की थी। इसमें सीएम हेमंत सोरेन को खुद या अधिवक्ता के माध्यम से हाजिरी लगानी थी लेकिन हाजिरी नहीं हुई।
हेमंत सोरेन से जुड़े केस की जानकारी देते हुए एपीपी पुष्पा सिन्हा ने बताया कि आज अदालत में सुनवाई के दौरान रांची जिला प्रशासन ने कोर्ट में आवेदन देकर एक और मौका देने का आग्रह किया। इसपर अदालत ने इस मामले की सुनवाई के लिए सात जून की तिथि निर्धारित की है। उस दिन सीएम हेमंत सोरेन या फिर उनकी ओर से उनके अधिवक्ता को अदालत में आकर अपना पक्ष रखना होगा।
बता दें कि 2019 के लोकसभा चुनाव में वोट देने सीएम हेमंत सोरेन अपनी पत्नी कल्पना सोरेन के साथ रांची के हरमू स्थित संत फ्रांसिस स्कूल स्थित मतदान केंद्र गए थे। मतदान के समय सीएम ने अपने गले में पार्टी का पट्टा पहना हुआ था। इस मामले में मतदान केंद्र पर प्रतिनियुक्त कार्यपालक दंडाधिकारी राकेश रंजन उरांव ने अरगोड़ा थाना में जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा (कांड संख्या 149/2019) के तहत हेमंत सोरेन के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी।
जिला प्रशासन ने एक मौका और देने का किया आग्रह, अगली तिथि सात जून निर्धारित
झारखंड हाई कोर्ट में शुक्रवार को हेमंत सोरेन के खिलाफ खान लीज मामला और शेल कंपनी मामला में सीबीआइ जांच की मांग वाली याचिका पर विशेष सुनवाई हो रही है। जबकि हेमंत पर पहले से ही चुनाव आयोग की नोटिस के बाद सदस्यता छीने जाने की संभावित कार्रवाई का डर बना हुआ है। हेमंत सोरेन के सिर पर मंडरा रहे अयोग्यता के खतरे के बीच रांची की अदालत ने उन्हें सरेंडर करने का आखिरी मौका दिया है। आज की तय तारीख पर कोर्ट में हेमंत सोरेन के पेश नहीं होने पर रांची जिला प्रशासन ने अदालत से एक और मौका देने का आग्रह किया था।
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अब 7 जून को एमपी-एमएलए की विशेष अदालत में सरेंडर कर सकते हैं। सीएम के नजदीकी सूत्रों के अनुसार तमाम राजनीतिक खींचतान और सियासी घमासान के बीच आचार संहिता उल्लंघन से संबंधित इस मामले में वे रांची की विशेष अदालत में मंगलवार को आत्मसमर्पण करेंगे। बताया गया कि वर्ष 2019 में तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष के तौर पर उनपर मामला दर्ज किया गया था। झारखंड में तेजी से बदल रहे सियासी समीकरण को देखते हुए हेमंत सोरेन एमपी-एमएलए की विशेष अदालत में सरेंडर करेंगे।
हेमंत सोरेन के चुनाव आचार संहिता उल्लंघन मामले में 7 जून को सुनवाई
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से जुड़े चुनाव आचार संहिता उल्लंघन के मामले की सुनवाई रांची की एमपी/एमएलए की विशेष अदालत में चल रही है। इस मामले में मुख्यमंत्री को हाजिर होने या फिर अधिवक्ता के जरिये अपनी उपस्थिति दर्ज कराने को कहा गया है। 2 जून, गुरुवार को इस मामले में सुनवाई निर्धारित थी, लेकिन हेमंत साेरेन की ओर से एक बार फिर उपस्थिति दर्ज नहीं कराई गई। अदालत ने अब इस मामले की अगली सुनवाई 7 जून को निर्धारित कर दी है।
बताया गया है कि लोकसभा चुनाव 2019 में अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए हेमंत सोरेन और उनकी पत्नी कल्पना सोरेन दिन छह मई 2019 को बूथ नंबर 388 (संत फ्रांसिस स्कूल, हरमू) मतदान केंद्र पर पहुंचे थे। इस क्रम में हेमंत सोरेन गले में झामुमो पार्टी का पट्टा लटकाए हुए सीधे मतदान स्थल पर पहुंच गए। तब मजिस्ट्रेट राकेश रंजन उरांव ने जन प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत अरगोड़ा थाना में हेमंत सोरेन पर नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई थी। इसके बाद केस के जांच अधिकारी ने हेमंत सोरेन के खिलाफ लगे आरोप को सही पाते हुए 2019 में ही अदालत में चार्जशीट दाखिल कर दिया। इस दाखिल चार्जशीट पर अदालत ने संज्ञान लेते हुए हेमंत सोरेन को समन जारी कर उन्हें हाजिर होने को कहा था। बावजूद हेमंत सोरेन अदालत में अबतक हाजिर नहीं हुए।
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