(comprehensive Care Centre) में निजी प्रैक्टिस करने को लेकर शोकॉज किया गया है. यह शोकॉज रिम्स के अपर निदेशक (प्रशासन) चंदन कुमार ने किया है. उन्होंने डॉ. हेमंत नारायण को तीन दिन के अंदर अपना स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया है. निर्धारित अवधि में स्पष्टीकरण नहीं मिलने पर यह माना जाएगा कि इस संबंध में डॉ. हेमंत को कुछ नहीं कहना. इसके बाद प्राप्त साक्ष्यों के आधार पर उनके विरूद्ध अनुशासनिक कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी. अपर निदेशक ने कहा कि इसकी सारी जवाबदेही डॉ. हेमंत नारायण की होगी.
क्यों किया गया है शोकॉज
आयकर विभाग के द्वारा प्राप्त सर्वेक्षण कार्यवाही में कहा गया है कि डॉ. हेमंत नारायण अपने आवासीय परिसर और कॉम्प्रिहेंसिव कार्डियक केयर सेंटर में निजी प्रैक्टिस करने का आरोप लगाया गया है. सर्वेक्षण के कार्यवाही के दौरान पाये गए कई सामग्री एवं दस्तावेज आयकर विभाग द्वारा जब्त कर लिया गया है. इस आधार पर ही रिम्स के अपर निदेशक ने डॉ. हेमंत को स्पष्टीकरण समर्पित करने का निर्देश दिया है. रिम्स के अपर निदेशक ने शोकॉज में कहा है कि आयकर विभाग द्वारा प्राप्त सर्वेक्षण की कार्यवाही के अनुसार आपके विरूद्ध निजी प्रैक्टिस करने का मामला प्रथम दृष्टया सामने आया है. आपका यह आचरण रिम्स विनियमावली-2014 का उल्लंघन करना परिलक्षित करना है, जो सरकारी सेवक आचार संहिंता का प्रतिकूल है.
क्या है नियम
रिम्स नियमावाली 2014 के कडिका 12 (V) में निरूपीत प्रावधान के अनुसार संस्थान के सभी पद गैर व्यवसायिक हैं. जिसके लिए सभी चिकित्सा पदाधिकारी को रिम्स अधिनियम 2002 के प्रारंभ कि तिथि से व्यवसायिक भत्ता का भुगतान किया जा रहा है. संस्थान के कर्मी के विरूद्ध निजी व्यवसाय करने का दोष सिद्ध होने पर उनके विरूद्ध राज्य असैनिक सेवाएं (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियमावली 1930 के तहत एवं अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान नई दिल्ली के नियम के तहत कार्यवाही करने का प्रावधान किया गया है.
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