झारखंड में लड़कियों के साथ हो रहे लगातार हिंसा को लेकर कड़ा से कड़ा कानून बनाने के लिए मुख्यमंत्री, राज्यपाल और महिला आयोग को लिखा पत्र



*दहेज मुक्त झरखण्ड संस्था के रास्ट्रीय अध्यक्ष डॉ आनन्द शाही ने पत्र लिखकर झारखण्ड में घटित घटना की जानकारी दिए,और कठोर कानून बनाने की मांग की*


हज़ारीबाग: दहेज मुक्त झारखंड संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ आनंद कुमार शाही ने माननीय मुख्यमंत्री झारखंड सरकार रांची माननीय महामहिम राज्यपाल महोदय झारखंड रांची एवं राष्ट्रीय महिला आयोग दिल्ली को पत्र लिखकर मांग किया है की झारखंड में लड़कियों के साथ हिंसा करना, जान से मारना, तेजाब फेंक कर मारने का प्रयास करना, इन सभी चीजों के संबंध में कड़ी से कड़ी कानून बनाने की मांग किया है । डॉ आनंद कुमार शाही ने सभी को लिखित पत्र दे कर कहा है कि झारखंड में लड़कियों के साथ लगातार हिंसा जान से मारने की खबरें अखबार में प्रकाशित हो रही हैं, आए दिन देखा गया है कि बच्चियां सुरक्षित नहीं महसूस कर रही हैं रोज कहीं ना कहीं बलात्कार या तेजाब या पेट्रोल से मारने की बातें आ रही है, जैसे दुमका जिला में अंकिता नाम की लड़की को एक तरफा प्यार के खातिर शाहरुख नाम का व्यक्ति पेट्रोल छिड़ककर आग लगा दी, जिससे उसकी मृत्यु हो गई पूरा देश अंकिता हत्याकांड को लेकर सड़क पर आ गया है जगह-जगह अनशन कैंडल मार्च मशाल जुलूस निकाला जा रहा है ताकि दोषी को फांसी की सजा हो, वहीं पर चतरा जिला के हंटरगंज थाना अंतर्गत देवगांव की काजल कुमारी को एकतरफा प्यार में ट्यूशन जाने के क्रम में भीम गांव में चार अगस्त को संदीप भारती नामक लड़के ने मां बेटी पर तेजाब फेंक कर जान से मारने का प्रयास किया लेकिन जब जनता हल्ला गुल्ला की तो सरकार की आंखें खुली,वही दुमका जिला में रामेश्वर थाना इलाके में रंग लीला पंचायत की रहने वाली आदिवासी लड़की को प्यार के जाल में अरमान अंसारी नामक व्यक्ति ने फंसा लिया जब नाबालिग आदिवासी लड़की तीन माह का प्रेग्नेंट हो गई तब उसकी हत्या फांसी का फंदा लगाकर कर दी गई ,

*दहेज मुक्त झारखंड ने कानून ब्यवस्था पर उठाए सवाल*

डॉ शाही ने सरकार से विनती किया कि महोदय ऐसी घटनाएं झारखंड में अब आम बात हो गई है डर का माहौल खत्म हो गया है, कानून व्यवस्था बहुत नीचे स्तर में हो गया है, अगर कोई लडक़ी महिला पहले शिकायत लेकर प्रशासन या थाना के पास जाती है तो थाना कार्रवाई में देर कर देती है तब तक पता चलता है कि कुछ दिन बाद उसकी हत्या कर दी गई , शाही ने यह भी सवाल उठाया कि झारखंड में महिला आयोग का कार्य ठप है अभी तक सरकार बने तीन वर्ष हो गए लेकिन कोई चेयरमैन नहीं बना, सभी लोग अपने अपने कार्य में व्यस्त हैं ।आज बलात्कार, रेप , मर्डर हत्या कर इन सभी में कुछ दिन में आरोपी को बेल मिल जा रहा है, इसलिए लोगों का मन बढ़ते जा रहा है, वैसे कानून नहीं है कि कोर्ट में जल्द से जल्द कार्रवाई हो सके । संस्था के अध्यक्ष ने यह भी कहा और निवेदन किया कि झारखंड सरकार, महामहिम राज्यपाल और माननीय उच्च न्यायालय सभी मिलकर एक ऐसा कानून पारित किया जा सकता है जिसमें एक माह के अंदर दोषियों को सत्यता की जांच करके फांसी की सजा दिया जाए, बहुत सारे एक्ट का गठन किया गया बहुत सारे संविधान के नियम में संशोधन हुआ और आगे भी हो सकता है, क्योंकि बेटी को पालो, पोशो, पढ़ाओ-लिखाओ उसके बाद गरीब लड़कियों को पेट्रोल या तेजाब या फांसी लगाकर मार दिया जाता है ।इससे लोग सड़क पर उतरते हैं प्रदर्शन करते हैं इन सभी चीजों में सरकार और जनता का ही नुकसान होता है ।इसलिए कानून में संशोधन करते हुए कड़ा कानून बनाया जा सकता है ।ताकि कोई भी बेटी के साथ इस तरह की दर्दनाक घटना करने से पहले सोचने पर मजबूर हो जाए ।

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