दुर्भाग्य : टूटे धनुष से दोनों बहनें ज्योति और मधु साध रही हैं लक्ष्य पर निशाना



19 मार्च से जम्मू में तीरंदाजी प्रतियोगिता में लेंगी हिस्सा

धनबाद :41वें एनटीपीसी सीनियर (महिला-पुरुष) तीरंदाजी प्रतियोगिता का आयोजन जम्मू में 18 जनवरी से होने जा रहा है। यह 27 जनवरी तक चलेगा। भारतीय तीरंदाजी संघ ने इसका कार्यक्रम जारी किया है।सभी खिलाड़ी और कोच इस प्रतियोगिता में सहभागिता के लिए आर्चरी एसोसिएशन आफ इंडिया की आधिकारिक वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। चासनाला की दो बहनें भी इस प्रतियोगिता में शामिल होकर राज्य के लिए पदक लाना चाहती हैं, लेकिन अभी तक इन्हें सरकार से कोई मदद नहीं मिली है। टूटे धनुष से दोनों बहनें ज्योति और मधु लक्ष्य पर निशाना साध रही हैं। समय पर इन्हें मदद के तौर पर धनुष नहीं मिला तो प्रतियोगिता से वंचित हो जाएंगी। दरअसल 28 नवंबर 2021 को ही मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, खेल मंत्री चंपई सोरेन ने धनबाद उपायुक्त को दोनों बहनों की आर्थिक स्थिति देखते हुए धनुष उपलब्ध कराने का निर्देश दिया था। अभी तक राहत नहीं मिली है। मधु और ज्योति के पिता संतोष कुमार दास ने जिला खेल पदाधिकारी को पत्र लिखकर मदद की गुहार लगाई है। अपने पत्र में संतोष ने कहा है कि 19 मार्च से जम्मू में तीरंदाजी प्रतियोगिता शुरू हो रही है। मुख्यमंत्री भी निर्देश दे चुके हैं। उपायुक्त को पत्र भी दिया गया। अभी तक आधुनिक तीर-धनुष नहीं मिल सका है।
दोनों बहनों को मदद की जरूरत
चासनाला की तीरंदाज बहनें ज्योति और मधु अपने लक्ष्य पर हर दिन निशाना साध रही हैं। धनुष भले ही टूटा है, लेकिन इरादे मजबूत हैं। इन दोनों बहनों का जज्बा देखकर स्थानीय युवाओं में भी तीरंदाजी को लेकर क्रेज जगा है। यही कारण है कि आधा दर्जन से अधिक बच्चे और युवा आर्चरी का प्रशिक्षण ले रहे हैं। दोनों बहनों की आर्थिक स्थिति को उजागर करते हुए और इनकी उपलब्धियों से अवगत कराते हुए दैनिक जागरण में धनुष टूटा है इरादा नहीं, लक्ष्य साध रहीं दो बहनें शीर्षक से 13 नवंबर 2021 को खबर प्रकाशित की थी। इसका असर भी हुआ है मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और मंत्री चंपई सोरेन ने उपायुक्त धनबाद को मदद करने का निर्देश भी दिया। यह निर्देश 28 नवंबर 2021 को दिया गया था। इसके बाद उपायुक्त के निर्देश के बाद सीओ ने दोनों बहनों से जानकारी भी एकत्रित की। तीन माह होने को है, अभी तक सहायता नहीं मिली। ज्योति और मधु के पिता संतोष कुमार दास का कहना है कि विभाग से एक-दो बार संपर्क किया गया। जवाब मिला कि सभी दस्तावेज रांची भेजा जा चुका है, वहां से निर्देश मिलने के बाद मदद दे दी जाएगी।

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