हर युग मे धर्म की रक्षा के लिए प्रभु अवतार लेते हैं :- आचार्य कन्हैया द्विवेदी



योगेश पाण्डेय संवाददाता गिरीडीह


ताराटांड मोहलीडीह में रामकथा के तीसरे दिन व्यासपीठ से भगवान राम के धरती पर जन्म लेने का वर्णन वाराणसी से पधारे सुविख्यात कथावाचक आचार्य कन्हैया द्विवेदी जी ने किये और रामकथा में कई सुमधुर भजन भी प्रस्तुत किए।

तीसरे दिन की राम कथा में आचार्य कन्हैया द्विवेदी ने कहा कि भगवान शिव से माता पार्वती से प्रश्न किया कि राम कौन हैं और क्यों भगवान एक मनुष्य का रूप लेकर पृथ्वी पर आए? भगवान शिव ने माता उमा के प्रश्नों का उत्तर देते हुए बताया के भगवान के अवतार लेने के पांच विशेष कारण रहे। पहला कारण था संत कुमारों का भगवान के पार्षद जय विजय को श्राप। जिसके कारण उनको राक्षस योनि में जाना पड़ा और उनके उद्धार के लिए भगवान को अवतार लेकर आना पड़ा।
दूसरा कारण था जलंधर का उद्धार करने के लिए भगवान ने छल से उसकी पत्नी वृंदा का सतीत्व भंग किया। जिसके कारण वृंदा ने भी भगवान को श्राप दिया कि आपको मनुष्य बनना पड़ेगा। तीसरा भगवान के अवतार का कारण था नारद जी का श्राप। चौथा कारण मनु और शतरूपा को भगवान का वरदान रहा कि प्रभु स्वयं उनके पुत्र बनके आएंगे। और पांचवा कारण था राजा प्रतापभान, अरीमर्दन और धर्मरुचि को ऋषियों का श्राप। यह तीनों ही रावण, कुंभकरण और विभीषण बने। भगवान के अवतार के कई कारण है लेकिन विशेष रूप से तो भगवान अपने भक्तों के मनोरथ सिद्ध करने के लिए ही अवतार लेते हैं और अवतार लेकर के सुंदर सुंदर लीलाएं करते हैं, जिनका गुणगान कर के बड़ी सरलता से भक्त इस संसारसागर से पार हो सकते हैं । कलयुग में भगवान विष्णु कल्कि अवतार लेंगे और असुरों ,पापियों का धूमकेतु तलवार से संहार कर धर्म की पुनर्स्थापना कर पृथ्वी की रक्षा करेंगे । प्रवीण प्रभाकर पाण्डेय के मनमोहक शास्त्रीय गायन से श्रोतागण काफ़ी आनंदित ,प्रभावितहुए। यज्ञ के सफ़ल आयोजन में अशोक पंडित,मोछू बाबा ,अशोक यादव,आनंद पंडित,संतोष कुमार,राजेश कुमार,मुकेश कुमार सहित ग्रामवासी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहें है।

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