मनी लॉन्ड्रिंग मामले के सिलसिले में आज सुबह ही प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम शिवसेना सांसद संजय राउत के मुंबई (Mumbai) स्थित आवास पर पहुंची थी. गोरेगांव के पात्रा चॉल के पुनर्विकास धोखाधड़ी से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ के लिए ईडी ने संजय राउत को दो बार समन भेजा था, लेकिन वे ईडी के समक्ष पेश नहीं हुए.
शिवसेना नेता संजय राउत ने प्रवर्तन निदेशालय के द्वारा उनके मुंबई आवास पर तलाशी लेने पर ट्वीट किया कि, “महाराष्ट्र और शिवसेना की लड़ाई जारी रहेगी.” बता दें कि, दो दिन पहले इस मामले की एक गवाह स्वप्ना पाटकर ने पुलिस को बताया कि उन्हें धमकी भरे फोन आ रहे थे कि वह संजय राउत के खिलाफ ईडी को अपना बयान वापस ले ले.
क्या है पूरा मामला?
संजय राउत की पत्नी वर्षा और स्वप्ना के पास अलीबाग में एक जमीन थी जिसे उनके संयुक्त नाम से खरीदा गया था. ईडी को संदेह है कि स्वप्ना पाटकर के अलग रह रहे पति सुजीत पाटकर के जरिए, गिरफ्तार कारोबारी प्रवीण राउत ने पात्रा चॉल धोखाधड़ी से डायवर्ट किए गए पैसे से जमीन खरीदी थी. प्रवीण राउत संजय राउत के दोस्त हैं.
क्या है ईडी का आरोप?
अप्रैल में ईडी ने संजय राउत की पत्नी वर्षा के स्वामित्व वाले मुंबई में एक फ्लैट और अलीबाग भूमि को कुर्क किया था. ईडी ने आरोप लगाया था कि इन संपत्तियों को प्रवीण राउत द्वारा डायवर्ट किए गए पैसे से खरीदा गया था. वहीं स्वप्ना पाटकर के परिसरों में हाल की तलाशी के दौरान, ईडी को अलीबाग की जमीन के दस्तावेज मिले. इससे पहले ईडी (ED) को दिए अपने बयान में स्वप्ना ने बताया कि उनके नाम का इस्तेमाल जमीन खरीदने के लिए किया गया था, हालांकि उस पर उनका कोई स्वामित्व अधिकार नहीं था और भूमि पार्सल का स्वामित्व संजय राउत (Sanjay Raut) के पूर्ण नियंत्रण में है. ये पूरा घोटाला 1 हजार करोड़ से भी ज्यादा का है.
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