जमुई से सरोज कुमार दुबे की रिपोर्ट
जिले के सोनो प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत हो रहे बालु उठाव पर विगत वर्ष बरनार नदी से बेतरतीब बालू उठाव का दंश झेल रहे किसान इस बार बालू उठाव के विरोध में सोनो में आंदोलन कर रहे हैं।
रोजी-रोटी व भविष्य की चिंता से जूझ रहे किसानों के इस आंदोलन को अब आम लोगों का भी समर्थन मिलने लगा है इसी कड़ी में शनिवार को बालू उठाव का विरोध करते हुए सैकड़ों की तादात में किसानों के साथ आम लोग बरनार नदी के घनश्याम स्थान घाट पहुंचे और बालू उठाव में लगे जेसीबी मशीनों व ट्रकों के साथ मजदूरों को वहां से खदेड़ दिया। हालांकि इस दौरान संवेदक के कर्मियों द्वारा इसका विरोध भी किया गया पर लोगों की भीड़ के सामने उनकी एक न चली और वहां से निकल
जाना ही मुनासिब समझा। विरोध कर रहे किसानों व आम लोगों ने नदी में बालू उठाव के लिए बनाए गए रास्ते को भी कई जगह काट कर अवरुद्ध कर दिया। इसके बाद बड़ी तादाद में जुटे लोगों ने घनश्याम स्थान में एक बैठक की और इस शांतिपूर्ण जन आंदोलन को और तेज करने का निर्णय लिया। जिलाधिकारी को आवेदन देकर मामले में हस्तक्षेप करते हुए बालू उठाव पर अविलंब रोक लगाने की मांग की। बालू उठाव नहीं रोके जाने पर किसानों
ने आमरण अनशन की धमकी दी। दरअसल विगत वर्ष बरनार नदी से बेतरतीब बालू उठाव का दंश किसानों के साथ क्षेत्र के आम लोग झेल रहे हैं।संवेदक द्वारा नदी से मानक को दरकिनार कर नदी का दोहन किया गया। इससे सैंकड़ो फिट चौड़ी अविरल बहने वाली नदी नाले में तब्दील हो गई। भूमिगत जलस्तर तेजी से नीचे गिरता जा रहा है। लोगों के सामने पेयजल की गंभीर समस्या उत्पन्न हो गई है। इलाके में इस बार धान की रोपनी भी प्रभावित हुई है। किसानों के सामने रोजी-रोटी की
समस्या उत्पन्न हो गई। अब एक बार फिर से बालू का उठाव शुरू हुआ लिहाजा किसानों का आक्रोश फूट पड़ा।संवेदक ने बुरी तरह किया नदी का दोहन।नदी में बालू उठाव से बने गड्ढे से जानमाल की क्षति की आशंका, बीते वर्ष इस गड्ढे में डूबकर एक मासूम की गई जान। बालू उठाव से तेजी से गिरता जा रहा है भूमिगत जल स्तर, लिहाजा क्षेत्र के लोगों के सामने पेयजल की बन गई है समस्या।सिंचाई के लिए वर्षों से बने पइन का अस्तित्व हो गया समाप्त।नदी के किनारे सूखने लगे हरे पेड़। किसानों की खेती हुई प्रभावित, उनके सामने जीविकोपार्जन की समस्या।बरनार काजवे के क्षतिग्रस्त होने की आशंका।