शिक्षक अपने जीवन मे हमेशा अपने शिष्यों के लिए होते हैं प्रेरणा श्रोत

जमुई से सरोज कुमार दुबे की रिपोर्ट




एक बच्चे को जन्म से लेकर यौवन काल तक किसी भी व्यक्ति को जीवन में आगे बढ़ने में गुरु की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण होती है। एक शिक्षक अपने जीवन का बहुमूल्य समय नौनिहालों के भविष्य को संवारने में लगा देता है। सरकारी नौकरी में सेवानिवृत्ति एक स्वाभाविक प्रक्रिया है।परंतु एक शिक्षक अपने जीवनकाल में कभी रिटायर्ड नहीं होता है। वह हमेशा अपने छात्र छात्राओं के लिए प्रेरणा स्रोत होते हैं, उक्त बातें मंगलवार को आदर्श मध्य विद्यालय सोनो में शिक्षक वशिष्ठ नारायण झा व उत्क्रमित मध्य विद्यालय सोनो के शिक्षक योगेन्द्र प्रसाद शर्मा की सेवानिवृत्ति पर आयोजित विदाई सह सम्मान समारोह में प्रधानाध्यापक सुनील कुमारने कहा।उन्होंने कहा कि समय सीमा के भीतर सेवानिवृत्त होना नियति है लेकिन सेवा अवधि के दौरान व्यक्ति द्वारा किया गया कार्य कभी सेवानिवृत्त नहीं होता है। वहीं प्रधानाध्यापक सोफेंद्र पासवान, राजेश कुमार गुप्ता ने कहा कि बच्चे देश के भविष्य होते हैं और इसी भविष्य को संवारने में इन शिक्षकों ने कभी कोताही नहीं बरती। सेवानिवृत्त शिक्षक के कार्यों की प्रशंसा करते हुए अन्य शिक्षकों को भी उनका अनुकरण करने की सलाह दी। शिक्षक श्याम सुंदर पांडेय, राजेश कुमार, पंकज कुमार, मनोज राम, प्रणव शेखर, विपिन कुमार सिंह ने कहा कि वशिष्ठ नारायण झा व योगेन्द्र प्रसाद शर्मा ने अपने कार्यकाल के दौरान कभी इस बात का आभास तक नहीं होने दिया कि वे अब सेवानिवृत्ति के कगार पर पहुंच चुके हैं। वहीं प्रधानाध्यापक निरंजन प्रसाद सिंह, नीरज कुमार ने कहा कि विदाई शब्द बड़ा ही मार्मिक होता है लेकिन नियम है कि नौकरी में आने वाले लोगों को एक दिन सेवानिवृत्त होना निश्चित है। जो अपने कार्यकाल में कुछ कर जाते हैं उनका नाम अमिट हो जाता है। सेवानिवृत्त शिक्षक को विद्यालय परिवार की और से शिक्षक शिक्षिकाओं ने अंग वस्त्र और फूल माला पहनाकर सम्मानित किया गया।मौके पर बिहार पंचायत नगर प्रारंभिक शिक्षक संघ के प्रखंड अध्यक्ष लखन मंडल, अजीत कुमार मेहता,दीपक कुमार, विकास कुमार, मंटू मांझी, दिलीप कुमार दास, शहनवाज अख्तर, रंधीर कुमार सिंह, दिनेश कुमार, रामविलास पासवान, लीना कुमारी, मांडवी देवी, सुनीता कुमारी, पूनम शर्मा,सुनीता कुमारी वर्णवाल, कुमारी स्मृति सिंह, अंजली गुप्ता, नूतन माला दुबे, वंदना कुमारी, अर्चना कुमारी, अलका कुमारी सिंह, सोनी रानी, कुमारी अल्का आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन संतोष कुमार मिश्रा के द्वारा किया गया।

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