हमारी यूपी सरकार ने सरकारी अस्पतालों में एंबुलेंस गाड़ीओं को बहुत ज्यादा सुविधाएं उपलब्ध करा रखी है मगर सरकारी मशीनरी इस योजना को पलिता लगाने में कोई कसर बाकी छोडना नहीं चाहतें वैसै देखा जाता है एंबुलेंस नगर की सड़कों पर दनादन दौडती भागती नजर आती है मगर जब किसी मरीज को एंबुलेंस की आवश्यकता होती है तो यह सूविधा शुन्य हो जाती है और जब किसी सरकारी अस्पताल के आला अधिकारी से एंबुलेंस के बारे में विस्तृत जानकारी ली जाती है तो वो अधिकतर यह कह कर टरका देते हैं कि एंबुलेंस मरीजों को लाने – पहुंचाने गयी है ओर कई – कई घंटे एंबुलेंस का इंतजार करना पड़ता है। ओर गरीबों की सुविधा गरीबों को नहीं मिल पाती। इसी प्रकार का एक मामला उ0प्र0 के जिला बुलन्दशहर के सरकारी महिला अस्पताल का आया है। प्रसूता के परिजनों ने बताया कि हमारी मरीज की डिलीवरी इसी अस्पताल में हुई थी ओर उसको छुट्टी भी दे दी गयी मगर घर वापसी जाने के लिए कोई भी एंबुलेंस हमको नहीं मिल पायी ओर अस्पताल कर्मी कोई बताने को तैयार नहीं था। आखिर में हम लोग मजबूरन ई0 रिक्शा में जाने को मजबूर हुए। स्वास्थ विभाग की इस लचर व्यवस्था से ज्यादातर महिलाएं दर्द सहने को मजबूर होती है।
ब्यूरों- पवन शर्मा बुलन्दशहर।
आजाद दुनियां न्यूज