राजस्व कर्मचारी संजीव कुमार की मनमानी से आम लोग परेशान : अंचल में हो रही मनमानी पर प्रशासन नहीं दे रहे है ध्यान



एक हफ्ते में कर देते हैं अमीरों का काम  और महीनों लटकाए रखते हैं गरीबों का काम

बिहार सरकार का राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग दाखिल खारिज में आने वाली समस्याओं को दूर करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है। *वर्तमान में बिहार सरकार के राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने म्यूटेशन को समय पर निष्पादन करने के लिए आवेदन करते समय विक्रेता की जमाबंदी को चिह्नित करने का विकल्प दिया है।* लेकिन पोठिया अंचल में राजस्व कर्मचारी की मनमानी इस हद तक बढ़ गयी है कि जमाबंदी रैयत ही जमीन बेच रहे हैं, फिर भी राजस्व कर्मचारी अपने लॉगिन में दाखिल-खारिज के मामलों को लंबित रखते हैं।

जानकारी के अनुसार राहुल दफ्तरी ने वर्ष 2023-2024 के मार्च माह में दाखिल खारिज वाद संख्या 3008, 3009, 3022, 3023, 3037, 3038, 3053, 3054, 3057, 3060, 3074, 3076, 3078, 3079, 3080 को  म्युटेशन करने के लिए आवेदन दिया। नयी व्यवस्था के अनुसार अब आवेदन करते समय ही विक्रेता की जमाबंदी अंकित कर दी जाती है।

वाद संख्या 3008, 3009 की पहली सुनवाई 11 मार्च 2024 को अंचल अधिकारी पोनम दीक्षित ने की थी। राजस्व कर्मचारी संजीव कुमार ने पहली सुनवाई के 27 दिन बाद राजस्व अधिकारी  को अपनी रिपोर्ट दी  एवं वाद संख्या 3022, 3023, 3037, 3038 की पहली सुनवाई 14 मार्च 2024 को अंचल अधिकारी पोनम दीक्षित ने ही की थी। राजस्व कर्मचारी संजीव कुमार ने पहली सुनवाई के 24 दिन बाद राजस्व अधिकारी  को अपनी रिपोर्ट दी और वाद संख्या 3053, 3054, 3057, 3060, 3074, 3076, 3078, 3079, 3080  की पहली सुनवाई अंचलाधिकारी मोहित राज द्वारा 2 अप्रैल 2024 को किया गया और राजस्व कर्मचारी संजीव कुमार ने 7 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट राजस्व अधिकारी को दी।

वही वाद संख्या 2671/2023 – 2024 की पहली सुनवाई 23 जनवरी  2024 को अंचल अधिकारी निश्चल प्रेम ने की है लेकिन राजस्व कर्मचारी संजीव कुमार ने पहली सुनवाई के 78 दिन बाद भी राजस्व अधिकारी  को अपनी रिपोर्ट नही दिया है और वाद को लंबित रखा है।

इसके इलावा वाद संख्या 2966/2023 – 2024 की पहली सुनवाई 11 मार्च  2024 को अंचल अधिकारी पोनम दीक्षित ने की है लेकिन राजस्व कर्मचारी संजीव कुमार ने पहली सुनवाई के 30 दिन बाद भी राजस्व अधिकारी  को अपनी रिपोर्ट नही दिया है और वाद को लंबित रखा है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार ऐसे कई मामले हैं, जिसे अंचलाधिकारी मोहित राज ने पहली सुनवाई के बाद 2 अप्रैल 2024 को राजस्व कर्मचारी संजीव कुमार के लॉगिन पर भेज दिया, लेकिन राजस्व कर्मचारी ने केवल राहुल दफ्तरी के मामलों की ही रिपोर्ट की है। ऐसा प्रतीत हो रहा है जैसे राजस्व कर्मचारी संजीव कुमार को राहुल दफ्तरी ने सिर्फ अपना निजी काम करने के लिए रखा है। इससे पहले अंचल में अनियमितता की खबरों में सबसे अधिक मामले राजस्व कर्मचारी संजीव कुमार के ही थे।

आपको बता दें कि राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग, बिहार सरकार की नई व्यवस्था के अनुसार यदि आवेदन सही है और कोई आपत्ति नहीं है तो भूमि दाखिल खारिज के लिए 35 दिन की समय सीमा निर्धारित की गई है और आपत्ति वाले भूमि दाखिल खारिज के लिए 75 दिन की समय सीमा निर्धारित की गई है । *लेकिन पोठिया अंचल में राजस्व कर्मचारियों की मनमानी इतनी बढ़ गयी है कि उनके लॉगिन में ही दाखिल-खारिज के मामले  30 से 35 दिनों तक लंबित  हैं। और कई मामलों को तो राजस्व कर्मचारी महीनों तक अपन लॉग इन में लंबित रखते है।*

पोठिया अंचल में विभागीय नियमों का खुलेआम उल्लंघन हो रहा है, लेकिन प्रशासन दोषी कर्मचारियों पर उचित कार्रवाई न कर उन्हें मनमानी करने के लिए प्रेरित कर रहा है।

बिहार के किशनगंज से फराज अहमद मुबशशिर की रिर्पोट

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