जमुई से सरोज कुमार दुबे की रिपोर्ट
जिले के सोनो-चरकापत्थर मार्ग पर बरनार नदी पर बना बेली पुल सोमवार को नदी में आई बाढ़ और पानी के तेज बहाव के कारण क्षतिग्रस्त हो गया। प्रशासन ने बेरिकेडिंग कर पुल से
आवागमन को प्रतिबंधित कर दिया है। गौरतललब हो कि 2010- 11 में बरनार नदी पर बने सोनो- चुरहेत काजवे विगत 23 सितंबर को क्षतिग्रस्त हो गया था। पुल के क्षतिग्रस्त होने से आवागमन पूरी तरह प्रभावित हो गया था। इसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 27 सितंबर को
क्षतिग्रस्त पुल का निरीक्षण किया। उन्होंने तत्काल क्षतिग्रस्त पुल पर बेली पुल का निर्माण कराने का निर्देश दिया।सीएम के निर्देश पर विगत नवंबर माह में यह बेली पुल बनकर तैयार हुआ था।इसके बाद लोगों ने राहत की सांस ली थी।
हालांकि पुल से होकर बड़े व भारी वाहनों का परिचालन प्रतिबंधित था, बावजूद इसके यह पुल एक बरसात भी बर्दाश्त नहीं कर सका। साढ़े सात करोड़ की लागत से तैयार हुआ था बेली पुल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर इस बेली पुल का निर्माण हुआ। पुल निर्माण से जुड़ी श्री
राम महावीर कंस्ट्रक्शन कंपनी के संवेदक ने बताया कि साढ़े सात करोड़ की लागत से इस बेली पुल का निर्माण हुआ है, पर ताज्जुब की बात है कि साल भर बीत जाने के बाद भी उन्हें इस मद में एक भी राशि प्राप्त नहीं हुई है। यहां तक की
पुल की अभी तक प्रशासनिक स्वीकृति भी नहीं मिली है। पुल निर्माण विभाग के तत्कालीन अपर प्रमुख सचिव के निर्देश पर उन्होंने एक अन्य कंपनी के साथ एक सौ मीटर लंबे इस बेली पुल का निर्माण करवाया है। इन पंचायत की आबादी हुई प्रभावित बेली पुल के क्षतिग्रस्त होने से प्रखंड के चुरहेत, केशोफरका , थमहन, सारेबाद ,
छुछुनरिया, रजौन, महेश्वरी, लालीलेवार सहित खैरा प्रखंड के आधा दर्जन पंचायतों की डेढ़ लाख आबादी का सीधा संपर्क प्रखंड मुख्यालय सोनो से कट गया है। अब उन्हें प्रखंड मुख्यालय तक आने-जाने के लिए एक बार फिर से 15 किलोमीटर की अधिक दूरी तय करनी पड़ेगी। वहीं दूसरी और पुल के क्षतिग्रस्त होने से यहां के बाजार पर भी इसका असर पड़ेगा।
दादी- चाची पुल से दूर हटें, पुल से जाना है खतरनाक पुल के क्षतिग्रस्त होने की सूचना पर सोमवार को सैकड़ो लोग पुल पर जमा हो गए। वहीं इस दौरान वहां काफी संख्या में राहगीर भी थे। एसडीएम अभय कुमार तिवारी,सीओ सुमित कुमार आशीष लोगों को पुल से हटाने की अपील कर रहे थे। पुल से गुजर रही महिलाओं को रोकते हुए सीओ ने कहा कि दादी- चाची पुल से होकर जाना अभी खतरनाक है। लिहाजा अभी घूम कर चले जाऐं। वहीं कुछ राजगीर इलाज के लिए
बच्चों के साथ जा रहे थे, जिन्हें प्रशासन के द्वारा एहतियात के साथ पुल से पार करवाया गया।
बारिश के बीच डीएम पहुंची सोमवार को लगातार बारिश हो रही थी। बारिश के बीच ही डीएम अभिलाषा शर्मा पुल का निरीक्षण करने पहुंची। उन्होंने बताया कि पुल के क्षतिग्रस्त होने की सूचना पर वह यहां पहुंची है।एहतियातन फिलहाल पुल से आवागमन को रोक दिया गया है। पुल निर्माण विभाग की टेक्निकल टीम पहुंच रही है। टीम पुल का निरीक्षण का जानकारी मुहैया कराएगी। इसके बाद पुल पर आवागमन का निर्णय लिया जाएगा।वहीं पुल के समानांतर नए पुल का भी प्रस्ताव है। प्राक्कलन तैयार है। सरकार के पास स्वीकृति के लिए भेजा गया है। सरकार से स्वीकृति मिलते ही नया पुल का निर्माण होगा।
क्षतिग्रस्त काजवे निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने पुल निर्माण का दिया था निर्देश
पिछले वर्ष काजवे क्षतिग्रस्त होने के सूचना के बाद 27 सितंबर 2023 को पुल का निरीक्षण करने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने मंत्री मण्डल के सहयोगी व विभागीय अभियंताओं व अधिकारियों के टीम के साथ सोनो पहुंचे थे।निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने लोगों को यह भी आश्वासन दिया था कि काजवे के समानांतर में जल्द ही उच्च स्तरीय आरसीसी पुल निर्माण किया जायेगा।इसके लिये मौके पर विभागीय अभियंताओं को यह निर्देश भी दिया गया था कि पुल निर्माण की सभी औपचारिकता को पूरा करते हुए अति शीघ्र पुल निर्माण का कार्य को गति दिया जाय, लेकिन मुख्यमंत्री के आश्वासन के एक वर्ष पूरे हो गये लेकिन अभी तक पुल निर्माण को लेकर कोई सुगबुगाहट नहीं दिख रहा है।