भातीय जनतंत्र मोर्चा की एक दिवसीय प्रतिनिधि सम्मेलन का आयोजन

धनबाद—-लोकनायक जय प्रकाश नारायण के जयंती के अवसर पर आज धनबाद के कोयला भवन सभागार में भारतीय जनतंत्र मोर्चा की ओर से एक दिवसीय प्रतिनिधि सम्मेलन का आयोजन किया गया। प्रतिनिधि सम्मेलन का मुख्य विषय भ्रष्टाचार, महंगाई और बेरोजगारी के ‘‘कारण और निवारण’’ था। उल्लेखनीय है कि वर्ष 1974 में लोकनायक जय प्रकाश नारायण जी के कुशल नेतृत्व में जो आंदोलन हुआ था, उसमें भी यही मुद्दे प्रमुख थे। सम्मेलन में महसूस किया गया कि ये मुद्दे आज पहले से भी ज्यादा गंभीर हो गये हैं। भ्रष्टाचार, महंगाई, बेरोजगारी के साथ शिक्षा, स्वास्थ्य और विकास के क्षेत्रों की स्थिति भी चिंताजनक हो गयी हैं।

इसके बाद बारी बारी से भाजमो के सभी जिला अध्यक्षों ने भी सम्मेलन में अपने विचार रखे।

एक दिवसीय प्रतिनिधि सम्मेलन का विषय प्रवेश सेवानिवृत पुलिस उपाधीक्षक, पी.एन. सिंह ने किया। धन्यवाद ज्ञापन आशीष शीतल मुंडा एवं मंच संचालन उदय सिंह ने किया। सम्मेलन में…..

इस सम्मेलन में श्री आशीष शीतल मुंडा, केंद्रिया महासचिव, भारतीय जनतंत्र मोर्चा निम्नलिखित प्रस्ताव पारित किये गये:-

भ्रष्टाचार

भ्रष्टाचार निवारण कानूनों का कड़ाई से अनुपालन एवं उक्त गतिविधियों में संलिप्त लोगों के विरूद्ध त्वरित गति से न्यायिक प्रक्रिया अपनाते हुए सख्त से सख्त सजा कम समय में दिलाने हेतु ज्यादा से ज्यादा फास्ट ट्रैक कोर्ट का निर्माण।
राज्य के संसाधनों का समुचित और विवेकपूर्ण उपयोग हेतु उचित प्रबंधन।
सरकारी विभागो में ई-फाईलिंग व फाईल ट्रैकिंग सिस्टम की अनिवार्यता हो, ताकि सभी विभागीय कार्य एक निश्चित समय-सीमा के अन्दर सम्पन्न हो जाए।
वैसे कार्य विभाग जहाँ भ्रष्टाचार होने की संभावनाएं अधिक हैं, वहां सतत निगरानी एवं समीक्षा हो साथ ही आधुनिक तकनीक को समाहित किया जाए।
नयी परियोजनाओं में उचित लागत पर गुणवत्तापूर्ण निर्माण हेतु सक्षम अधिकारी एवं तकनीकी दल का गठन।
भ्रष्टाचार एक सामाजिक अभिशाप है। इस कुरीति को रोकने के लिए जन आंदोलन तथा जन जागरूकता अभियान का समय-समय पर आयोजन।
राजनीति में भ्रष्टाचार व्याप्त होने के कारण गरीबों और आमजनों को हक मारा जाता है उस पर लगाम लगाने हेतु नये नियमों को बनाना।
जमाखोरी के खिलाफ जन आंदोलन का ऐलान और सशक्त खुफिया तंत्र का गठन।
सरकारी अधिकारी और पदाधिकारियों को हर वर्ष उनके सम्पत्ति का ब्योरा देना अनिवार्य करना और अर्जित आय स्रोत की वास्तविक स्थिति का आकलन करने के लिए विशेषज्ञ दल का गठन।
भ्रष्टाचार निरोधक दस्ते को अधिक स्वायत्त और सशक्त बनाना, उन्हें परिष्कृत तकनीकी संसाधनों से परिपूर्ण कराना।
झारखंड में व्यवस्था सुधार हेतु आमजन तथा सरकारी और गैरसरकारी संगठनों द्वारा संगठित और सत्त प्रयास से ही निदान संभव।
प्राकृतिक संसाधनों का अंधाधुंध दोहन, अविवेकपूर्ण प्रबंधन व उपयोग पर जवाबदेही तय करना।
कोयला, बालू, चिप्स आदि खनिज पदार्थ के अवैध खनन में संलिप्त सरकारी, गैर सरकारी और राजनीतिक लोगों को चिन्हित कर उनके विरूद्ध कानूनी कार्रवाई हेतु स्वतंत्र एजेंसी का गठन।
जनहित के सभी कार्यों के निष्पादन के लिए समय-सीमा का निर्धारण करना तथा गुणवŸाा स्तर को बनाये रखने हेतु जवाबदेही तय करना।
महंगाई
दैनिक उपयोग में आने वाली आवश्यक वस्तुओं के मुल्योत्कर्ष पर लगाम और वितरण प्रणाली पर नियंत्रण हेतु उचित एवं सुदृढ़ प्रबंधन व्यवस्था बनाना एवं उसे लागू करना।
सरकार के आर्थिक नीतियों के परिहीणता और मुद्रास्फीति की कुप्रबंधन के कारण बढ़ती महंगाई के प्रभावों को विष्लेषित कर उनपर नियंत्रण हेतु आवष्यक कार्यवाई करना।
विदेशी कर्ज पर निर्भरता धीरे-धीरे समाप्त करना। आय के नये संसाधनों का खोज करना। चिन्हित आय के स्रोतों को पुनरीक्षण करते हुए नयी संभावनाओं को तलाशना।
देशी उत्पादांे को बढ़ावा देना और उनको अंतराष्ट्रीय मानकांे में सफल होने के लिए उच्च स्तरीय प्रशिक्षण, संसाधन और प्रबंधन की आवश्यकता।
मांग और आपूर्ति के बीच समन्वय बनाए रखना।
किसानों को उनके उपज का उचित दिलाना। गुणवत्तायुक्त बीज और जैविक खाद किसानों को उचित मूल्य पर उपलब्ध कराना। फसलों को होने वाली बीमारियों एवं प्राकृतिक मार से नष्ट हुए फसलों हेतु क्षतिपूर्ति राषि की व्यवस्था करना।
बेरोजगारी
औद्योगिक क्षेत्रों की धीमी वृद्धि, बीमार उद्योगों का जीर्णोद्धार और उद्योग-धंधों में व्याप्त त्रुटियों को दूर कर उन्हें रोजगारपरक बनाना।
कुटीर और लघु उद्योगों में ह्रास के कारणों को चिन्हित कर उनके निदान हेतु ठोस उपाय करना।
आउटसोर्सिंग पर एजेंसियों की बहाली और संविदा पर नियुक्ति बहाली को समाप्त कर स्थायी नियुक्ति के लिए मार्ग प्रशस्त करना।
न्यूनतम मजदूरी दर को मंहगाई के अनुरूप बढ़ाना। मजदूरों को समय पर भुगतान करना।
रोजगारपरक बौद्धिक, सामाजिक तथा मानवीय मुल्यों को षिक्षा नीति में समावेष करना।
झारख्ंाड के षिक्षित बेरोजगारों का तत्काल बेरोजगारी भत्ता का भुगतान करना राज्य सरकार सुनिष्चित करें।
शिक्षा

सभी सरकारी एवं गैर सरकारी शिक्षण संस्थानों में प्रशिक्षित शिक्षकों की नियुक्ति कराना।
शिक्षा को व्यवसायीकरण से बचाना।
विकास

समावेशी विकास हो, रोजगार के अवसर पैदा हो जिससे गरीबी दूर करने में मददगार हो।
कौशल विकास के माध्यम से मेहनतकश लोगों के लिए आजीविका का अवसर प्रदान करना।
सरकारी पैसे से बनने वाले आधारभूत संरचनाओं को उपयोग सुनिश्चित करवाना।
घरेलू उत्पाद को प्रोत्साहन देकर स्थानीय कलाकारों/व्यवसायी को बढ़ावा देना।
गांवों में मजबूत आधारभूत संरचनाओं को खड़ा करना, ताकि गांवों से पलायन रूके और शहरों में जनसंख्या का दबाव कम हो।
आर्थिक पूँजी निर्भरता को दूर कर नये संसाधनों का सृजन करना।
स्वास्थ्य

राज्य के प्रमुख शहरों में डेंगू का प्रकोप विकराल रूप धारण कर लिया है। शहर की सफाई व्यवस्था चौपट हो चुकी है। डायरिया भी राज्य में अपना पैर पसार रही है। उसकी रोकथाम हेतु सरकार को आगाह करना।
नगर निगम और नगरपालिका क्षेत्रों में सफाई तथा स्वास्थ्य सुविधाओं पर जोर देना।
दूर-दराज इलाकों में सुलभ और आधुनिक स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ पंहुचाना।
अनुभवी डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मियों की घोर कमी से स्वास्थ्य विभाग जुझ रहा है। मेडिकल महाविद्यालयों में प्राध्यापकों की कमी के कारण मेडिकल छात्रों की पढ़ाई बाधित हो रही है। शोध प्रभावित हो रही है। इन सभी पर सरकार का ध्यान आकृष्ट कराना।

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