Ranchi:बजट सत्र: सदन में उठा बार बालाओं के डांस का मामला वहीं सुदेश ने पूछा कहां है बेरोजगारी भत्ता

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रांची: झारखंड बजट सत्र के तेरहवें दिन भी सदन में गहमागहमी बनी रहीं. इस दौरान जेएमएम विधायक मथुरा महतो ने सूचना के माध्यम से धनबाद में सांसद खेल महोत्सव में बार बालाओं के डांस के मामले में संज्ञान लेने की मांग उठाई. वहीं बीजेपी विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा ने खूंटी जिला में पिछड़ा वर्ग के आरक्षण को खत्म करने का मामला उठाया.

इसके बाद प्रदीप यादव का पुट हुआ सवाल सदन में आया जिसमें भूगर्भ जल के स्तर लगातार नीचे होने का सवाल उठा था. इसके उत्तर में मंत्री मिथलेश ठाकुर ने कहा कि जल संरक्षण पर काम हो रहा है. साथ ही बताया कि सरकार के पास अपनी कोई व्यवस्था नहीं है गिरते जल स्तर को मापने की. वहीं उंनहोने बताया कि सेंट्रल ग्राउंड वाटर बोर्ड के रिपोर्ट पर काम होता है.

सरकार जल संसाधन विभाग रेन वाटर हार्वेस्टिंग पर जोर दे रही है साथ ही सिंचाई योजनाओं में डीप बोरिंग की योजनाओं पर भी रोक लगाई है. इसके उपरांत आजसू सुप्रिमों व विधायक सुदेश महतो ने स्नातक पास बेरोजगारों के लिए 5000 और स्नातकोत्तर बेरोजगारों को 7000 रुपये बेरोजगारी भत्ता के घोषणा के बाद भी भत्ता नही मिलने का मामला उठाया. सवाल का जवाब वित्त विभाग से श्रम विभाग को ट्रांसफर करने की वजह से इस सवाल को कल के लिए पुट किया गया है.

बता दें कल फिर से सदन में आएगा ये मामला वहीं निर्दलीय विधायक अमित यादव ने चतुर्थ वर्ग के कर्मचारियों की प्रोन्नति तृतीय वर्ग में करने का मामला उठाया. इस मामले को उठाते हुए सरकार से पूछा कब होगी प्रोन्नति? इसके जवाब में संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि विगत दिनों में प्रोन्नति नही हुई है ये चिंता का विषय है ऐसा क्यों हुआ है सरकार इसकी जानकारी जुटा रही है इसके आधार पर सरकार काम करेगी.

इसके उपरांत बीजेपी विधायक विरंची नारायण ने अलग राज्य के आंदोलन कारियों के हित में पेंशन देने का मामला मामला उठाया उन्होने कहा कि वनांचल और जेपी आंदोलनकारियों को भी शामिल करने का मामला उठाया और कहा कि जेपी और वनांचल शब्द को विलोपित कर दिया गया है ऐसे लोगो को अब आयोग चिन्हित नही कर रहा है.

वहीं इसके जवाब में संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि जेपी आंदोलन का मतलब अलग राज्य आंदोलन से नही था, इसलिए इन्हें शामिल करना उचित नहीं होगा जहां तक वनांचल की बात है तो चाहे वो वनांचल हो या झारखण्ड हो सबको चिन्हित किया जा रहा है. इसके बाद सुदेश महतो ने पूरक के माध्यम से पूछा कि आंदोलनकारियों के चयन के लिए बने आयोग के स्थिति क्या है. वहीं बीजेपी विधायक सीपी सिंह ने कहा कि आयोग को गंभीरता से काम करना चाहिए चाहे जेपी हो या अलग राज्य आंदोलन हो.इस पर जेएमएम विधायक मथुरा महतो ने आंदोलनकारियों के जेल जाने की बाध्यता समाप्त करते हुए पेंशन देने की बात कही. इसके उपरांत सदन में बीजेपी विधायक समरी लाल ने कहा कि झारखण्ड ऑटोनोमस काउंसिल के रिपोर्ट के आधार पर भी पेंशन लागू की जाए. इसके बाद सरयू राय ने इस सवाल पर सदन में कहा कि जेपी आंदोलनकारियों के पेंशन बढ़ा दें कई जिलों में इन्हें पेंशन नही मिल रहा है.

इन सभी सवालों के जवाब में संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने सारे बिंदुओं के आधार पर कहा कि राज्य आंदोलन के सभी आंदोलनकारियों को सरकार देगी सुविधा व पेंशन. चिन्हित करने वाला आयोग भी फंक्शनल है. इसके बाद बीजेपी विधायक मनीष जायसवाल ने पोस्को, साइबर एवं एनडीपीएस एक्ट के दस हजार लंबित मामलों के निपटारे के लिए विशेष लोक अभियोजक सभी व्यवहार न्यायालयों में नियुक्त करने का मामला उठाया.

वहीं संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने ही इसका जवाब देते हुए कहा कई जिलों में विशेष लोक अभियोजक की नियुक्ति हुई है. इसपर मनीष जायसवाल ने कहा सवाल का जवाब गलत आ रहा है विभाग किसी का जवाब कोई और विभाग दे रहा है. इसके उपरांत इस मुद्दे पर स्पीकर ने कहा हाई पावर कमिटी की बैठक में अधिकारियों को साफ निर्देश दिया गया था इसके बाद भी अगर गलती हुई है तो इसको मैं देखूंगा.

वहीं आंकड़ो को गलत बताते हुए संसदीय कार्य मंत्री ने कहा दस नही 8 हाजर मामले राज्य में है, साथ ही विस्तृत आंकड़ा प्रश्नकर्ता को उपलब्ध करवाने की बात मंत्री आलमगीर आलम ने कही. इसके बाद सवाल जवाब के दौरान सीपी सिंह और स्पीकर में हल्की नोकझोंक हो गयी. सीपी सिंह ने कहा सरकार कैसा उतर दे रही है.

वहीं बीजेपी विधायक किशुन दास ने चतरा जिले में कस्तूरबा गांधी विद्यालय और बालिका आवासीय विद्यालय में प्रतिनियुक्त होम गार्ड के कर्तव्य भत्ता के भुगतान नही होने का मामला उठाया. इसके बाद संसदीय कार्य मंत्री ने कहा देरी हुई है सरकार जल्द भुगतान की प्रक्रिया शुरू करेगी.

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