जमाना रेडियो का था तो रेडियो के कलाकार ही स्टार और सुपरस्टार थे इसमें सबसे ज्यादा बिहार आकाशवाणी का चर्चित कार्यक्रम हुआ करता था चौपाल जिसमें मुखिया जी बटुकभाई और गीता दीदी की बातचीत बड़े चाव से पूरे बिहार के लोग सुनते थे। इन किरदारों को किसी ने देखा नहीं था पर इनकी आवाज लोगों के जेहन में रच बस गए थे जब यह कार्यक्रम आता था तो पूरे गांव जवार में लोग रेडियो पर बड़े चाव से एकत्रित होकर इनकी बातचीत को सुना करते थे।
लंबी बीमारी से जूझते हुए आकाशवाणी के चौपाल कार्यक्रम के बटुक भाई (वास्तविक नाम छात्रानंद सिंह झा) ने अंतिम सांस ले ली. मैथिली भाषा साहित्य के मर्मज्ञ विद्वान बटुक भाई ने लंबे समय तक (वर्ष 2006तक) आकाशवाणी, पटना को अपनी सेवाये दी और अवकाशग्रहण पश्चात भी लेखन कार्य से जुड़े रहें. पटना रंगमंच खासकर भंगिमा के विस्तार को आधार देने वाले बटुक भाई का जीवन कला साहित्य को समर्पित रहा. अकाशवाणी के कार्यक्रम खासकर चौपाल कार्यक्रम सुनने वाले उनकी चुटीली खनकदार आवाज को आज भी नहीं विसरे होंगे. चौपाल में कंपियर के रूप मे उनके साथ काम करने की स्मृति मानस पटल पर हमेशा दौड़ती रहेगी, एक अभिभावकत्व भाव वाले सहकर्मी के रूप मे, एक मृदु व्यक्तित्व के रूप में. बटुक भाई को भावभीनी श्रद्धांजलि 🙏🙏.
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