जमुई से सरोज कुमार दुबे की रिपोर्ट
कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर मंगलवार को महेश्वरी स्थित बाबा लक्ष्मीनारायण मंदिर ,श्रद्धालुओं से पटा दिखा। बाबा के वार्षिकोत्सव में शामिल होने पूरे प्रदेश से लोग यहां पहुंचे।16वीं शताब्दी में स्थापित बाबा लक्ष्मीनारायण के प्रति लोगों में अटूट आस्था देखने को मिली। मंगलवार को पूरे दिन धर्म परायण भक्तों का सैलाब मंदिर परिसर में उमड़ता रहा।
दोपहर को मंदिर प्रांगण में लाल पताका से लिपटे पावन ध्वज के प्रतिष्ठापित होते ही हाथों में बाबा का प्रिय नैवेद्य दहिऔरी की थाली लिए श्रद्धालु कतारबद्ध हो बाबा को नैवेद्य अर्पित किए और मन्नतें मांगी। भक्तों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए मुख्य गली से मंदिर तक जाने वाले गलियारे को आकर्षक ढंग से सजाया गया था।पूजा के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को कोई परेशानी ना हो इसलिए पूजा समिति के सदस्य सक्रिय थे।अंचलाधिकारी राजेश कुमार, चरकापत्थर थानाध्यक्ष जितेंद्र कुमार,
बड़ी संख्या में महिला व पुरुष जवानों के साथ पूरी तरह मुस्तैद दिखे।गांव के पूरब में बहने वाली कलोथर, पश्चिम में गोरिया व उत्तर दिशा में प्रवाहित होने वाली योगिया नदी, मंगलवार को भक्तों के सैलाब को देखकर 400 वर्ष पूर्व के इतिहास का स्मरण दिला रही थी,जब इसी गांव के दो भक्तों राम सिंह और राम पांडेय ने बाबा लक्ष्मी नारायण को यहां स्थापित किया था।