दुर्योधन चौधरी पिछले दो-तीन वर्षों से फेफड़े के संक्रमण से ग्रसित थे। पहले वह वेल्लोर में अपना इलाज करवा रहे थे।
Dilip Kumar Pandey
Duryodhan Chaudhary Death: बीमारी से जूझ रहे झामुमो नेता दुर्योधन चौधरी ने चेन्नई के अस्पताल में तोड़ा दम
बरवाअड्डा: पूर्व जिप सदस्य सह झामुमो के केंद्रीय सदस्य दुर्योधन चौधरी का लंबी बीमारी के बाद शुक्रवार को इलाज के दौरान चेन्नई के अस्पताल में निधन हो गया। दुर्योधन चौधरी पिछले दो-तीन वर्षों से फेफड़े के संक्रमण से ग्रसित थे। पहले वह वेल्लोर में अपना इलाज करवा रहे थे। उनका फेफड़ा 60 प्रतिशत से अधिक संक्रमित हो चुका था। दिन-प्रतिदिन उनकी स्थिति बिगड़ती ही जा रही थी। सांस लेने के लिए उन्हें ऑक्सीजन पाइप का सहारा लेना पड़ रहा था।
स्थिति अत्यधिक बिगड़ने पर उन्होंने चेन्नई स्थित एमजीएम अस्पताल में जांच कराई, जहां उन्हें तत्काल फेफड़ा ट्रांसप्लांट कराने की सलाह दी गई। 17 मई को उनका लंग ट्रांसप्लांट किया गया था। हालांकि इसके बाद स्थिति सुधरने की बजाय और गंभीर हो गई और 24 जून की सुबह करीब आठ बजे उन्होंने दम तोड़ दिया। चौधरी के निधन की सूचना पर बरवाअड्डा क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई।
निधन की सूचना पर झामुमो नेता मथुरा महतो, संतोष रजवार, पवन महतो, पूर्व विधायक फूलचंद मंडल, कांग्रेस के वरीय नेता विजय सिंह, भाजपा नेता धर्मजीत सिंह, निर्मल मिश्रा, लाल मोहन महतो, वकील महतो, योगेश चौधरी समेत झामुमो के अन्य नेताओं व कार्यकर्ताओं ने उनके आवास पहुंचकर स्वजनों को ढांढ़स बंधाया। चौधरी के परिवार में उनकी पत्नी के अलावा तीन पुत्र व एक पुत्री समेत अन्य लोग हैं। स्वजनों ने बताया कि शनिवार को चौधरी का पार्थिव शरीर चेन्नई से बड़ा पिछड़ी बरवाअड्डा स्थित उनके पैतृक निवास में अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा।
शिबू के खास रहे चौधरी, सिंदरी विधानसभा क्षेत्र में किया
मालूम हो कि दुर्योधन चौधरी झामुमो के संस्थापक शिबू सोरेन के काफी करीबी रहे थे। जेएमएम से जुड़ने के बाद उन्होंने सिंदरी विधानसभा क्षेत्र में संगठन का विस्तार किया। 2004 में सिंदरी विधानसभा क्षेत्र से वह भी दावेदारों की लिस्ट में थे, लेकिन पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया। कार्यकर्ताओं ने इसका जमकर विरोध किया, हालांकि इसके बावजूद चौधरी पार्टी से जुड़े रहे।
2009 में पार्टी ने उन्हें सिंदरी विधानसभा क्षेत्र से टिकट दिया। उस चुनाव में वह तीसरे स्थान पर रहे और लगभग 12000 वोट प्राप्त किया। उसके बाद पार्टी ने उन्हें केंद्रीय कमेटी का सदस्य मनोनीत किया। 2014 में दुर्योधन चौधरी जिला परिषद संख्या 14 से सदस्य चुने गए। हालांकि महज दो वोट से पिछड़ने के कारण वह जिला परिषद के अध्यक्ष नहीं बन सके।