धनबाद: भौगोलिक सूचना प्रणाली जीआईएस साॅफ्टवेयर एवं साॅल्यूशंस उपलब्ध कराने वाली अग्रणी कंपनी एसरी इंडिया ने इंडियन इंस्टीट्यूट आॅफ टेक्नोलाॅजी,इंडियन स्कूल आॅफ माइन्स धनबाद में जियोस्पैटियल एक्सिलेंस सेंटर स्थापित करने के लिए टेक्समिन फाउंडेशन के साथ सहमति ज्ञापन एमओयू पर हस्ताक्षर किया है। आईआईटी- आईएसएम धनबाद में टेक्समिन-एसरी जियोस्पैटियल एक्सिलेंस सेंटर खनन और खोज के लिए स्पैटियल एनालिटिक्स एवं रिमोट सेंसिंग में अनुसंधान एवं नवप्रवर्तन पर ध्यान केंद्रित करेगा। चूंकि खनिज तलाशने के कारोबार के अंतर्गत जमीन का भारी खर्च आता है और इसमें काफी आंकड़ों की जरूरत पड़ती है, इसलिए स्थान आधारित सूचना, सफल उत्खनन के लिए महत्वपूर्ण होता है। जीआईएस खनिज संसाधनों की खोज से लेकर उसे निकालने और अंततः पुनर्स्थापना तक पृथ्वी विज्ञान और खनन की मूल्य श्रृंखला में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जीआईएस के ज्ञान से खनन पेशेवर खनिजों को खोजने और आर्थिक संभावना की गणना करने, जोखिम प्रबंधन, पर्यावरणीय आकलन करने में समर्थ होते हैं और साथ ही अन्य चिंताओं का प्रभावी एवं सटीक ढंग से विश्लेषण करने में समर्थ होते हैं। इस गठबंधन के परिणाम स्वरूप, एसरी इंडिया इस जियोस्पैटियल एक्सिलेंस सेंटर को स्थापित करने के लिए जीआईएस टेक्नोलाॅजी के साथ एक्सप्लोरेशन एंड माइनिंग फाउंडेशन (टेक्समिन) में टेक्नोलाॅजी इन्नोवेशन को सुगम बनाएगी।एसरी इंडिया के प्रबंध निदेशक अगेन्द्र कुमार ने कहा, श्डेटा लोकेशन इंटेलिजेंस खनिजों की खोज से लेकर उनके खनन तक की पूरे खनन जीवन चक्र में मौलिक आधार है। खनिजों के तेजी से क्षय होने के मद्देनजर स्पैटियल संदर्भ को समझना और अन्य जियोसाइंस टेक्नोलाॅजीज़ के साथ एकीकरण नए भंडारों के टिकाऊ विकास के लिए महत्वपूर्ण है।टेक्समिन के चेयरमैन एवं आईआईटी- आईएसएम, धनबाद के निदेशक प्रोफेसर राजीव शेखर ने कहा, श्टेक्समिन का उद्देश्य खनन एवं खोज में नवीनतम प्रौद्योगिकियों के उपयोग को प्रोत्साहन देना है। जीआईएस खनन पेशेवरों को स्पैटियल डेटा का विश्लेषण करने के लिए आवश्यक टूल्स उपलब्ध कराकर खनन परिचालन की जटिल चुनौतियों का सामना करने में मदद कर सकती है।