15 दिन ही कोयलांचल की सड़कों पर दौड़ी बसें, अब नीलामी को लेकर मशक्कत
बरटांड़ बस स्टैंड में सड़ रही बसें
धनबाद– 14 करोड़ की लागत से खरीदी गई 70 में 62 बसों को आज कोई कौड़ी के भाव भी खरीदने को तैयार नहीं. कोयलांचल की सड़कों पर ये बसें बमुश्किल 10-15 दिन ही चली होंगी. बरटांड़ सरकारी बस स्टैंड में वर्षों से खड़ी इन बसों के कीमती पार्ट पुर्जे अब गायब भी हो चुके हैं. लापरवाही धनबाद नगर निगम की है जिसे ‘नगर बस’ चलाने का जिम्मा दिया गया था.
अभी सिर्फ 8 बसें चला रहे अलग अलग एनजीओ
धनबाद कोयलांचल की बढ़ती आबादी के मद्देनजर 12 साल पूर्व नगर बस सेवा के परिचालन के लिए 70 बसों की खरीद की गई. नगर बस सेवा की शुरुआत 9 दिसंबर 2011 को हुई. जेएनयूआरएम योजना के तहत 12 करोड़ की लागत से 70 बसों को आनन-फानन में खरीदा गया. प्रथम चरण में 20 और उसके बाद 50 बसों को सड़कों पर उतारा गया. परिचालन के लिए जिम्मेवारी भी सौंपी गयी. परंतु धीरे-धीरे सभी ने हाथ खड़े कर दिये. अभी सिर्फ 8 बसें अलग अलग एनजीओ द्वारा संचालित हो रही हैं.
कम्पेक्टर स्टेशन के वाहन भी पड़े हैं बेकार
शेष 62 बसें राज्य पथ परिवहन के बरटांड़ बस स्टैंड में सड़ रही हैं. मंहगे पार्ट पुर्जे चोरी हो चुके हैं. अब लोग इनका उपयोग शौच के लिए करते हैं. सफाई एजेंसी ए टू जेड के कीमती वाहन भी बरटाड में जंग खा रहे हैं. बंद कम्पेक्टर स्टेशन के वाहन भी बेकार पड़े हैं. डोर टू डोर कचरा कलेक्शन के लिए खरीदे गए 55 ठेला बर्बाद हो चुके हैं. लेकिन इन बेकार हो चुके वाहनों की नीलामी कराना भी निगम के अधिकारी जरूरी नहीं समझते हैं.
पर्यटन विभाग व पूर्व सैनिकों को मिली थी जिम्मेवारी
ज्ञात हो कि धनबाद में नगर बस सेवा की शुरुआत 9 अगस्त 2011 को गोल्फ ग्राउंड से हुई थी. उद्घाटन तत्कालीन मेयर इंदु सिंह ने किया था. राज्य सरकार ने इन बसों के परिचालन की जिम्मेदारी झारखंड पर्यटन विकास निगम (जेटीडीसी) और भूतपूर्व सैनिक कल्याण संघ को दी. जेटीडीसी को परिचालन और सैनिक संघ को मैन पावर का प्रबंध करने की जिम्मेदारी थी. लेकिन 10 दिन बाद ही सैनिकों ने हाथ खड़े कर दिए और बस सेवा बंद हो गई. इसके बाद भी कई बार कोशिश की गई, पर सब बेकार साबित हुआ.
8 बसों से हर माह सिर्फ 1550 रुपये की कमाई
अभी सड़कों पर सिर्फ 8 बसे चल रही हैं. इसमें से 3 से 150, 2 से 250 और 3 से 200 रुपया हर माह निगम की आमदनी होती है. वाहन का मेंटनेंस संचालक को करना होता है, लेकिन संचालक इसमें भी लापरवाही बरतते हैं, जिस कारण ये 8 बसें भी इस साल कभी भी कबाड़ में चली जाए तो आश्चर्य नहीं होना चाहिए.
मार्च में नई बसें भी सड़क पर नहीं उतरी
70 बसों को कबाड़ में पहुंचाने के बाद निगम के अधिकारी मार्च 2023 में 40 नई सीएनजी पर चलने वाली बसे उतारने वाले है. लेकिन अभी तक इसकी भी कोई सुगबुहाट नहीं है. ज्ञात हो कि पिछले साल नगर निगम में पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप में 120 नई बसों को चलाने का फैसला लिया गया था. जिसमें 12 इलेक्ट्रिक और 108 सीएनजी बसें है. इसपर अगले 10 साल में 548 करोड़ रुपया खर्च करना है.
नीलामी का अभी कोई निर्णय नहीं : प्रकाश कुमार
सहायक नगर आयुक्त प्रकाश कुमार का कहना है कि पुरानी बसें जितनी चलने लायक हैं, चल रही हैं. बेकार हो चुकी बसों की नीलामी को लेकर अभी कोई निर्णय नहीं लिया गया है. सड़क पर नई बसों का परिचालन कब शुरू होगा, अभी बताना मुश्किल है. प्रक्रिया चल रही है.
यात्री सुविधा के मद्देनजर धनबाद- जम्मू तवी- धनबाद स्पेशल के परिचालन का विस्तार किया जाएगा |
यात्री सुविधा के मद्देनजर धनबाद- जम्मू तवी- धनबाद स्पेशल के परिचालन का विस्तार किया जाएगा |