Posted by Dilip pandey
रांचीः झारखंड के करीब छह लाख बच्चों को इस सत्र में ड्रेस का पैसा नहीं मिल सका है. स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग की ओर से कई बार रिमाइंडर दिये जाने के बाद भी बच्चों को अभी तक ड्रेस की राशि नहीं दी जा सकी. राज्यभर के प्रारंभिक स्कूलों में करीब कुल 40 लाख बच्चे नामांकित हैं. इसमें से करीब 34 लाख बच्चों को पोशाक की राशि या फिर पोशाक मिल गई है, लेकिन बाकी बचे बच्चों को पोशाक नहीं मिल
सकी हैं. स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग के द्वारा जिन बच्चों का बैंक में खाता नहीं खुला हुआ है उन छात्रों के अभिभावकों के खाते में पैसा भेजने का भी निर्देश दिया था. जिन बच्चों का बैंक खाता नहीं था उनके लिए विद्यालय प्रबंधन समिति के खाते में राशि दी गई थी. लेकिन सच्चाई तो ये है कि अभी भी सौ फीसदी बच्चों को ड्रेस नहीं मिल पायी है.अब स्थिति यह है कि राज्यभर के बच्चों को वहीं पुरानी ड्रेस पहनना पड़ रहा है.
नए सत्र से नए नियम देखने को मिल सकते हैं
राज्य के प्रारंभिक स्कूलों में पहली से आठवीं तक के बच्चों को नए सत्र में भी पोशाक देने की सरकार की तैयारी है. नए सत्र से पोशाक देने के प्रक्रिया में इस बार बदलाव किया जा सकता है. अब तक ड्रेस की राशि छात्रों के बैंक खाते में जाती थी. छात्रों को दो जोड़ी पोशाक के लिए 600 रुपये ही दिये जाते थे. दिवंगत शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने भी बच्चों के ड्रेस की राशि को बढ़ाने की मांग की थी.शिक्षा विभाग ने तर्क दिया था कि
इतनी महंगाई में 600 रुपए में ड्रेस की राशि मिलना मुश्किल है.जानकारी के अनुसार नए शैक्षणिक सत्र में इस बार बच्चों को बैग भी दिया जाएगा.बैग हर दो साल में बच्चों को दिया जाता है. इसके लिए भी टेंडर की प्रक्रिया निकलेगी और स्कूलों तक बैग पहुंचेगी.
यात्री सुविधा के मद्देनजर धनबाद- जम्मू तवी- धनबाद स्पेशल के परिचालन का विस्तार किया जाएगा |
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