Posted by Dilip pandey
धनबाद :*शहनाई और थाविल जैसे वाद्ययंत्रों की गूंज के साथ गोविंदा-गोविंदा के उदघोष के बीच रविवार को भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी के स्वरूप बालाजी एवं पद्मावती का विवाह संपन्न हुआ।
बालाजी मंदिर में आयोजित दक्षिण भारतीय परंपराओं के अनुसार श्रीवारी कल्याणम् (देव विवाह) का साक्षी पूरा जगजीवन नगर बना। विवाह के बाद महाआरती हुई। इसके बाद भक्तों में महाप्रसाद का वितरण किया गया।
450 विवाहित जोड़ों ने श्रीवारी कल्याणम् का संकल्प कराया
450 विवाहित जोड़े ने श्रीवारी कल्याणम् में संकल्प कराया। सामूहिक रूप से हवन एवं पूजन में भागीदारी पाकर भगवान के विवाह में उपस्थित होने का आनंद प्राप्त किया। देव विवाह की शुरुआत सुबह भक्तों की उपस्थति में पुरोहितों के मार्गदर्शन में भगवान विष्णु को जगृत कर किया गया। इसके बाद भगवान बालाजी का कल्याण उत्सव गणेश भगवान की पूजा से शुरू हुई। कल्याण (देव विवाह) के लिए उपस्थित भक्तों का तिरुपति से पहुंचे पुरोहित आचार्य एस फणी कुमार और आचार्य पी वेंकटाचार्य ने भगवान बालाजी के साथ संकल्प कराया। वैवाहिक जोड़ियों ने सामूहिक रूप से हवन एवं पूजन में भागीदारी निभाई। बालाजी और मां पद्मावती का विधि-विधान के साथ विवाह हुआ।
भगवान के दर्शन के लिए निकाली गई पालकी यात्रा
देव विवाह के बाद शाम को भगवान की सुसज्जित पालकी यात्रा निकाली गई। यह मनोरम दृश्य जगजीवन नगर के निवासियों के लिए अविस्मरणीय रहा। पालकी यात्रा में हारमोनियम, शहनाई, सैक्सोफोन, थाविल ड्रम के साथ भगवान के नाम का उदघोष करते भक्तों की भीड़ देखते ही बन रही थी।
कार्यक्रम में भाजपा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य रागिनी सिंह भी हुईं। कार्यक्रम सफल बनाने में वेंकेटेश्वर मंदिर समिति के अध्यक्ष केवीआर राव, आयोजन सचिव जी राकेश राव, सचिव जीवीएसएन राव, उपाध्यक्ष डॉ बी जगदीश राव, कोषाध्यक्ष वी गोविंद कुमार विल्लुरी, सह कोषाध्यक्ष सी रतन राव का सराहनीय योगदान रहा।
यात्री सुविधा के मद्देनजर धनबाद- जम्मू तवी- धनबाद स्पेशल के परिचालन का विस्तार किया जाएगा |
यात्री सुविधा के मद्देनजर धनबाद- जम्मू तवी- धनबाद स्पेशल के परिचालन का विस्तार किया जाएगा |