जमुई से सरोज कुमार दुबे की रिपोर्ट
जिले के सोनो प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत सोनो के बरनार नदी घाट में बालू उठाव का विरोध बढ़ता ही जा रहा है हालांकि संवेदक के द्वारा बालू उठाव का विरोध कर रहे 16 ग्रामीणों को नामजद करते हुए मुकदमा भी दर्ज करवाया गया है, बावजूद इसके ग्रामीणों का आंदोलन थमने का नाम नहीं ले रहा है।
बरनार नदी के सोनो घाट से बालू उठाव के विरोध में शुरू हुआ यह आंदोलन अब मानधाता घाट तक पहुंच गया है। सोमवार देर शाम को मध्य विद्यालय मानधाता में सैकड़ों ग्रामीणों ने बरनार नदी बचाओ संघर्ष समिति के बैनर तले बैठक की और बालू उठाव के विरोध का निर्णय लिया। प्रखंड मुखिया संघ के अध्यक्ष सह लोहा पंचायत के मुखिया जमादार सिंह ने कहा कि प्रशासन व संवेदक के द्वारा हम लोगों को हमारे कर्तव्यों से रोका जा रहा है।
बताया गया कि संविधान के अनुच्छेद 51(क) में स्पष्ट उल्लेख है कि प्रत्येक भारत के नागरिक का यह कर्तव्य व प्राकृतिक पर्यावरण जिसके अंतर्गत वन,झील, नदी और वन्य जीव हैं की रक्षा करें और उनका संवर्धन करें पर यहां तो नदी का संवर्धन करने की बजाय उसका अस्तित्व मिटाने पर ही विभाग तुली हुई है। विभाग व संवेदक की मिलीभगत से नदी को घाट दिखा गलत रिपोर्टिंग कर उसकी बंदोबस्ती करवा दी गई है, जबकि नक्शे में भी बरनार नदी का ही उल्लेख है कहीं घाट का जिक्र ही नहीं है। यदि यहां ग्रामीण अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए बरनार नदी से बालू उठाव का विरोध करते हैं
तो उन पर प्रशासन व संवेदक के द्वारा झूठा मुकदमा दर्ज करवाया जाता है जबकि कार्रवाई विभाग व संवेदक पर होनी चाहिए थी। समाजसेवी महेंद्र दास ने कहा कि ऐसे झूठे मुकदमे से हमारा शांतिपूर्ण आंदोलन नहीं थमेगा। अपने अगली पीढ़ी के लिए बरनार के अस्तित्व को मिटने नहीं दिया जाएगा।वार्ड सदस्य की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में ग्रामीणों ने एकजुट होकर मानधाता घाट से भी बालू उठाव के विरोध का निर्णय लिया।