जमुई से सरोज कुमार दुबे की रिपोर्ट
जिले के सोनो प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत शुक्रवार को प्रखंड के आदर्श ग्राम दहियारी के बटिया स्थित बाबा झुमराज मंदिर में श्रद्धालुओं की काफी भीड़ थी।शुक्रवार की सुबह से ही मंदिर परिसर में अफरातफरी की स्थिति बनी रही। दरअसल कार्तिक माह में बाबा झुमराज मंदिर में पूजा बंद रहती है लिहाजा कार्तिक माह के बाद पूजा प्रारंभ होते ही बड़ी संख्या में श्रद्धालु शुक्रवार को बलि पूजा के लिए मंदिर पहुंचे थे। लिहाजा मंदिर परिसर में अफरा-तफरी का माहौल था। वहीं श्रद्धालुओं की भीड़ और वाहनों की लंबी कतार के कारण मंदिर परिसर के समीप घंटों जाम लगा रहा, लिहाजा बाबा झुमराज मंदिर में पूजा करने पहुंचे श्रद्धालुओं को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।गिद्धौर निवासी किसान नेता कुणाल सिंह ने बताया कि बाबा झुमराज स्थान के समीप लगे जाम में चार घंटा फंसे रहे। गाड़ियां रेंगती रही पर वहां कोई भी प्रशासनिक अमला मौजूद नहीं था। किसी तरह जाम से बाहर निकले। गिद्धौर सेंट्रल स्कूल के निदेशक अमर सिंह, पिंटू कुमार, नीतीश कुमार,विकास यादव, अरुण कुमार, मिथुन राम, संतोष राम,पिंकू कुमार, मनोज यादव आदि ने बताया कि अप्रत्याशित भीड़ के बाबजूद भी प्रशासन की गैरमौजूदगी प्रशासन की कार्यशैली पर सवालिया निशान खड़ा करता है।
वहीं दूसरी और मंदिर परिसर में जगह जगह गंदगी का अम्बार लगा था। श्रद्धालुओं गंदगी के बीच बाबा झुमराज की आराधना को मजबूर थे। सोमवार, बुधवार और शुक्रवार को यहां पूजा से मंदिर प्रबंधन को हजारों रुपए की आय होती है,बाबजूद श्रद्धालुओं की सुविधाओं कितने की भी चिंता मंदिर प्रबंधन को नहीं है।बता दें कि बटिया स्थित बाबा झुमराज का मंदिर धार्मिक आस्था का केंद्र है। इस मंदिर के प्रति लोगों की आस्था ऐसी है कि प्रत्येक सप्ताह के सोमवार, बुधवार और शुक्रवार को सिर्फ बिहार ही नहीं बल्कि पड़ोसी राज्य झारखंड और बंगाल से भी हजारों श्रद्धालु यहां मत्था टेकने आते हैं। मन्नतें पूरी होने पर यहां पाठे की बलि, मुंडन संस्कार आदि धार्मिक अनुष्ठान किए जाते हैं, जिसके एवज में श्रद्धालुओं से फीस के रूप में कुछ रकम वसूली जाती है। इससे मंदिर प्रबंधन को प्रति सप्ताह औसतन 70 से 80 हजार तथा सालाना 35 से 40 लाख रुपए की होती है, पर इसके बावजूद भी मंदिर प्रबंधन द्वारा यहां श्रद्धालुओं की मूलभूत सुविधाओं का भी ख्याल नहीं रखा जाता है। श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ने से यहां प्रत्येक सोमवार,बुधवार और शुक्रवार को अफरा तफरी की स्थिति बनी रहती है। वहीं आय के बावजूद यहां बुनियादी सुविधाओं का टोटा,मंदिर प्रबंधन पर बड़ा सवाल खड़ा करता है।