जमुई से सरोज कुमार दुबे की रिपोर्ट
जिले के सोनो प्रखंड मुख्यालय में आयोजित कंबल वितरण कार्यक्रम में बड़ी संख्या में दिव्यांग सोमवार सुबह दस बजे से ही उपस्थित थे। प्रशासन द्वारा यह घोषणा की गई थी कि ठंड से बचाव के लिए सामाजिक सुरक्षा योजना के तहत दिव्यांगों को कंबल वितरित किया जाएगा, लेकिन दिनभर इंतजार के बाद शाम पांच बजे तक भी दिव्यांगों को कंबल नहीं मिल सका था। लिहाजा एक अदद कंबल की आस में दिव्यांग प्रखंड
परिसर में भूखे प्यासे सुबह से लेकर शाम तक बैठे रहे। इतना ही नहीं सरकारी बाबुओं को उन पर थोड़ी सी भी हमदर्दी नहीं हुई। उनके लिए पीने के पानी तक की व्यवस्था नहीं की गई।भालसुम के ललन शर्मा, कारू शर्मा, फुलवंती देवी, आरती कुमारी, असरहुआ के दीपेंद्र कुमार,
गौरबामटिहाना के कलाम अंसारी, गंदर की दिव्यांग जुड़वा बहन किरण कुमारी व कविता कुमारी, बेलाटांड़ के राजू यादव आदि ने बताया कि वेलोग गर्म कपड़े खरीदने में असमर्थ हैं। किसी तरह गुजर बसर करते हैं। इधर ठंड बढ़ी है, जिस कारण रात काटना दुश्वार हो रहा है। इसलिए यहां कंबल वितरण की सूचना पर आए थे, पर लगता है कि वह भी नसीब में नहीं है। दिव्यांग संघ के
जिला उपाध्यक्ष अरविंद कुमार माथुरी ने स्थानीय प्रशासन की कार्यशैली पर आक्रोश जताते हुए कहा कि पांच दिन पूर्व ही बीडीओ के द्वारा सोमवार को कंबल वितरण की जानकारी दी गई थी। लिहाजा दिव्यांगों को भी सूचना दी गई। कार्यक्रम के अनुसार दिव्यांग सोमवार को दस बजे से ही प्रखंड परिसर में मौजूद हैं।शाम हो गई है, लेकिन वितरण कार्यक्रम अब तक शुरू नहीं हो पाया। प्रखंड के सुदूरवर्ती क्षेत्रों से दिव्यांग पहुंचे हैं। ठंड का मौसम है, उन्हें वापस घर भी जाना है
लेकिन अधिकारियों को हमारी तनिक भी परवाह नहीं है। हम सभी भूखे- प्यासे यहां पड़े हैं। एक अदद कंबल की आस में भूखे-प्यासे सुबह से बैठे दिव्यांगों को शाम पांच के बाद कंबल मिला। बीडीओ मो मोइनुद्दीन ने दिव्यांगों के बीच पचास कंबल का वितरण किया। बीडीओ ने बताया कि कंबल वितरण का कार्यक्रम सोमवार को सेकंड हाफ में निर्धारित था। दिव्यांगों को भी सेकंड हाफ में ही बुलाया गया था। फील्ड में निरीक्षण में थे।वापस आकर कम्बल वितरित किया। उन्होंने बताया कि प्रखंड को 300 कम्बल आवंटित हुआ है जिसमें से 50 कंबल का वितरण किया गया।
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