हजारीबाग: दरअसल जब हजारीबाग विधानसभा के अंतर्गत स्थित कटकमसांडी प्रखंड को अलग करके एक नया प्रखंड के रूप में कटकमदाग को 2009 में बनाया गया था तो यहां के स्थानीय जनता में एक नई उम्मीद और आशा की किरण जगी उठी थी।, क्योंकि यहां के स्थानीय जनता को कटकमसांडी में सरकारी कामकाज कराने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था और कोई भी सरकारी काम समय पर नहीं हो पात था, जिससे यहां की जनता वर्षों प्रखंड का चक्कर काटते रह जाते थे, पर कोई काम समय पर नहीं हो पाता था और जरूरतमंद लोग सरकारी लाभ पाने से वंचित रह जाते थे।
किंतु जब नए प्रखंड के रूप में कटकमदाग को 2009 में बनाया गया तो यहां की जनता में काफी उत्साह और नई आशा की किरण दिखाई देने लगा।
*कटकमदाग को प्रखंड बने हुए हो गए 13 साल, फिर भी नहीं हो पाई बुनियादी व मूलभूत विकास*।
शहर से सट्टे कटकमदाग प्रखंड को इस आस और उम्मीद के साथ बनाया गया था कि यहां के जनता को सरकारी योजनाओं का लाभ अधिक से अधिक मिले, किंतु कटकमदाग प्रखंड को बनाए हुए 13 साल हो गए फिर भी यहां के जरूरतमंद लोग आज भी सरकारी सुविधा व सरकारी लाभ से वंचित हैं।
इतना ही नहीं बल्कि छात्रों को आवासीय, जाति, आय, बनाने के लिए कटकमदाग प्रखंड के चक्कर लगाने में चप्पल घिस जाता है फिर भी समय पर छात्रों को आवासीय, जाति, आय प्रमाण पत्र नहीं मिल पाता है। जिससे यहां के छात्र- छात्राओं को छात्रवृत्ति या किसी कॉलेज में दाखिला लेने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
कटकमदाग प्रखंड के लोग मूलभूत सुविधा और सरकारी योजनाओं से वंचित हैं, चाहे वह वृद्धा पेंशन हो, विधवा पेंशन हो, इंदिरा आवास हो, या कोई और सरकारी लाभ हो उसे पाने के लिए लोगों को काफी मशक्कत करनी पड़ती है फिर भी सरकारी लाभ लेने से यहां के लोग वंचित रह जाते हैं, यही वजह है कि यहां बुनियादी विकास का आज भी अभाव है।
*दाखिल खारिज व एलपीसी के हजारों मामले लंबित*
सरकार ने स्किल इंडिया और डिजिटल इंडिया के माध्यम से हर सरकारी विभाग में ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया शुरू कर दी है, जिससे आवेदक को आसानी पूर्वक संबंधित विभाग में आवेदन करने और सरकारी लाभ लेने में सुविधा हो सके, इसके बावजूद भी जब आवेदक अपने जमीन की दाखिल खारिज कराने के लिए ऑनलाइन आवेदन करते हैं, उसके बावजूद भी ब्लॉक में कोई अग्रसर करवाई नहीं होती है,
ऑनलाइन आवेदन कराने के बाद भी हमेशा ब्लॉक का चक्कर काटना ही पड़ता है, कभी कर्मचारी के पास तो कभी सीओ दफ्तर में चक्कर लगाना पड़ता है उसके बाद भी समय पर दाखिल खारिज नहीं हो पाता है, जिसके कारण आज भी सैकड़ों दाखिल खारिज के आवेदन लंबित है, ब्लॉक में कर्मचारी से मिलने के बाद भी बिना चढ़ावा के कोई भी काम आगे नहीं बढ़ पाता है जिससे लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है आज भी कटकमदाग प्रखंड में दाखिल खारिज के लगभग 2200 आवेदन तथा एलपीसी के दो से ढाई हजार आवेदन तथा भूमि मापी के 500 आवेदन से अधिक केस लंबित पड़े हैं!
*जनता त्रस्त यहां के पदाधिकारी एनटीपीसी से उगाही करने में मस्त*
दिलचस्प बात यह है कि 15वें में वित्त आयोग से कराए जा रहे विकास कार्यों की प्रगति भी बहुत ही खराब स्थिति है, साथ ही साथ मनरेगा के कार्यो में भी शिथिलता देखी जा रही है, मनरेगा का काम सबसे कम कटकमदाग प्रखंड में ही हुआ है, साथ ही साथ नए राशन कार्ड बनवाने या नाम जुड़वाने या नाम हटाने की काम ना के बराबर हो रही है, इतना ही नहीं बल्कि दिव्यांग पेंशन लाभ योजना तथा जन्म एवं मृत्यु प्रमाण बनवाने में भी काफी मशक्कत करनी पड़ती है। इसकी वजह है कि नियमित रूप से यहां कर्मचारी या पदाधिकारी नहीं आते हैं जिसके कारण से कई मामले लंबित पड़े रह जाते हैं अधिकांश कर्मचारी बहाना बनाकर कार्यालय में अनुपस्थित रहते हैं जिससे यहां के ग्रामीण ब्लॉक का चक्कर काटते काटते खुद को त्रस्त हो जाते हैं और पदाधिकारी मोटी कमाई करने के चक्कर में एनटीपीसी की संलिप्तता में मस्त रहते हैं, और वहां से मोटी कमाई करने के लिए लगे रहते हैं, उन्हें जनता की कार्यों से कोई लेना-देना नहीं रहता है उनकी एक ही मकसद है कि एनटीपीसी से मोटी कमाई हो यही वजह है कि ब्लाक के अधिकांश कार्य लंबित पड़े रहते हैं।
*आवासीय परिसर खंडहर में तब्दील*
कटकमदाग प्रखंड सह अंचल कार्यालय 3 एकड़ जमीन में 7 करोड़ की लागत से पदाधिकारियों के समुचित व्यवस्था के साथ आवासीय परिसर सहित बनाया गया है! किंतु सारी सुविधा होने के बावजूद भी कटकमदाग प्रखंड के पदाधिकारी रात को नहीं रुकते हैं और ना ही रहते हैं जिससे करोड़ों की बनी हुई भवन खंडहर में तब्दील होते जा रही है। इसका रखरखाव भी नहीं हो पा रहा है, यह कहीं ना कहीं सरकारी भवन का दुरुपयोग ही कहा जा सकता है! आवासीय परिसर के चारों ओर झाड़ियों से गिर गई है और रात को यहां कुत्ते व जानवरों का निवास स्थान बन गया है.
*कटकमदाग बीडीओ के खिलाफ पूर्व मुखिया संघ कई बार कर चुके है मंत्री ग्रामीण विकास विभाग,सरकार के संयुक्त सचिव,सचिव ग्रामीण विकाश विभाग, आयुक्त उतरी छोटा नागपुर ,उपायुक्त हजारीबाग,उप विकास आयुक्त हजारीबाग, से शिकायत, किंतु करवाई के जगह मिली बीडीओ को पदोन्नति।*
1 दिसंबर 2021 को वीरेंद्र कुमार सेवानिवृत्त के बाद अंचल अधिकारी का पद रिक्त है, प्रखंड विकास पदाधिकारी शालिनी खालको को अंचल अधिकारी का प्रभार मिला है, जुलाई 2021 से पदस्थापित हैं वह कटकमदाग प्रखंड की 13वें बीडीओ बनी है लोगों के इन से काफी उम्मीदें थी किंतु इनके तानाशाह रवैया से जनता में आक्रोश का माहौल है इनकी तानाशाही और मनमानी कार्यों के खिलाफ कई बार धरना प्रदर्शन करके विरोध जताया गया लेकिन वीडियो शालिनी खलखो के कामकाज में कोई प्रभाव नहीं पड़ा। उनकी तानाशाह और मनमानी रवैया हमेशा की तरह बरकरार है, कटकमदाग के पूर्व मुखिया संघ ने राज्य सरकार के संयुक्त सचिव एवं सभी मंत्रियों से भी कई बार शिकायतें कर चुके हैं किंतु इनके शिकायत के बावजूद भी सरकार संयुक्त सचिव ने करवाई करने के बजाए सरकार ने उन्हें बीडीओ से पदोन्नति करते हुए एसडीओ का पद से नवाजा गया।
इससे साफ पता चलता है कि कहीं ना कहीं सरकार का आशीर्वाद सालनी खालको के ऊपर है, यही वजह है कि सरकार के मिलीभगत से कटकमदाग बीडीओ साहिबा शालिनी खालको एनटीपीसी से मोटी रकम उगाही करके सरकार तक पहुंचाने का काम करती है, जिसका परिणाम यह हुआ कि उन्हें सरकार ने पदोन्नति करके बीडीओ से एसडीओ बना दिया गया..।
अब लोगों के जहन में एक सवाल खड़ा होता है कि एक बीडीओ को जहां जनता के हित में काम करने के लिए ब्लॉक स्तर पर प्रखंड विकास पदाधिकारी के रूप में समुचित विकास करने का दायित्व सौंप दिया जाता है, और जब उस प्रखंड का समुचित विकास ना हो सके, वहां के जरूरतमंद लोग सरकारी लाभ पाने से वंचित रह जाए,आवासीय जाति, आय बनाने के लिए छात्र छात्राओं को चप्पल घिस जाए, और प्रखंड का कोई विकास ना हो पाए, ऐसे स्थिति में वहां के पदाधिकारी को अगर पदोन्नति करते हुए किसी अनुमंडल का पदाधिकारी बना दिया जाता है तो उस अनुमंडल का भला कभी नहीं हो सकती है, ऐसे भ्रष्ट और निकम्मी पदाधिकारी राज्य के लिए भी नुकसानदेह है।
ऐसे भ्रष्ट और निकम्मी पदाधिकारी को पदोन्नति कहीं ना कहीं सवालिया निशान खड़ा करती है, इससे साफ पता चलता है कि सरकार वैसे पदाधिकारियों को पसंद करती है जो सरकार तक मोटी कमाई करके सरकार को पेट करने का काम करें।
यहां के स्थानीय पूर्व मुखिया मंजू मिश्रा का कहना है कि ऐसे भ्रष्ट और निकम्मी पदाधिकारियों के खिलाफ मैं बहुत ही जल्द पर्दाफाश करने वाली हूं और सरकार को आईना दिखाने का काम बहुत जल्द करूंगी
*कटकमदाग बीडीओ के रवैया से नाराज दिखी पंचायत समिति ।*
नवनिर्वाचित पंचायत समिति का कहना है कि वर्तमान बीडीओ शालिनी खालको के खिलाफ पूर्व में भी कई जनप्रतिनिधियों के द्वारा हिना के क्रियाकलाप व नीतियों के विरुद्ध शिकायतें सोशल मीडिया व वह विभिन्न अखबारों के माध्यम से देखने व पढ़ने को मिलता था किंतु पंचायत समिति के रूप में पदभार ग्रहण करने के बाद उनकी रवैया से रूबरू हुए तो मुझे आभास हुआ कि जो भी जनप्रतिनिधियों के द्वारा शिकायतें इनके विरुद्ध मिला था वह रवैया वास्तव में सही सत्य है क्योंकि जब से पंचायत समिति बने है तब से आज तक इन्होंने जनता के हित में कोई भी कार्य को निष्पादित करने के लिए अभी तक बैठक तक नहीं बुलाई गई है और ना ही किसी भी तरह की इनका कोई गतिविधि देखी गई है इतना ही नहीं जब इन्होंने 6 जुलाई 2022 को एक बैठक आहूत करने की तिथि निर्धारित की गई थी जिसकी सूचना जनप्रतिनिधियों को 4 जुलाई को मिलती है और अगले दिन इसे मनमाने तरीके से स्थगित कर दी जाती है।
इससे साफ पता चलता है कि इनकी मनसा जनता के प्रति साफ नहीं है। क्योंकि इनकी कार्यशैली जनता के प्रति बहुत ही गैर जिमेदाराना व अनैतिक पूर्ण है। वें अपने कर्तव्यों के प्रति लापरवाही बरतने के साथ साथ इनकी व्यवहार भी बहुत ही असंवेदनशील है। इनकी तानाशाह रवैया से यहां के जनप्रतिनिधि व ग्रामीणों में काफी आक्रोश है।
पंचायत समिति सदस्यों का कहना है कि ऐसे भ्रष्ट व तानाशाह बीडीओ के ऊपर उच्च स्तरीय जांच करते हुए विभागीय कार्रवाई हों,
*सरकार के महत्वकांक्षी योजना आजादी का अमृत महोत्सव से भी जनप्रतिनिधियों को नदारद रखें बीडीओ* : सुनील ओझा
पंचायत समिति सदस्य सुनील ओझा का कहना है कि सरकार के महत्वकांक्षी योजना आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत दिनांक 4 /7/ 2022 से 10 / 7 2022 तक पंचायती राज विभाग झारखंड रांची के प्राप्तांक 1167 के अनुसार ग्राम पंचायत स्तर पर “आईकॉनिक विक” कार्यक्रम कर व्यापक स्तर पर प्रचार प्रसार करने का प्रस्ताव सरकार के द्वारा निर्धारित किया गया था। किंतु कटकमदाग के बीडीओ ने यहां के जनप्रतिनिधियों के साथ सरकार के महत्वकांक्षी कार्यक्रम आजादी के अमृत महोत्सव को लेकर के ना तो किसी तरह से किसी जनप्रतिनिधि को सूचना दी गई और ना ही इसकी तैयारी को लेकर के कोई बैठक आहूत किया। जिससे यहां के जनप्रतिनिधियों में काफी आक्रोश देखने को मिला।
*क्या कहती है कटकमदाग प्रमुख*वर्तमान में पंचायत चुनाव जीते 40दिन हो गया ।मेरे द्वारा भी दो बार पत्र के माध्यम से तथा एक बार वातसअप के माध्यम से बैठक बुलाने के लिए कही ।एक बार बैठक बुलाई भी लेकिन बार मेरी जानकारी के ही अपनी मर्जी से बैठक स्थगित कर दी । शालिनी खलखो BDO सह CO अभी तक हमसे एक बार बात तक नहीं की है । मुझे लगता है प्रखंड के विकास ही नही चाहती है BDO,
Dhanbad:सबके सहयोग और टीम वर्क से शांतिपूर्ण मतगणना संपन्न – उपायुक्त
सबके सहयोग और टीम वर्क से शांतिपूर्ण मतगणना संपन्न – उपायुक्त