बिजली गुल होने के साथ ही सदर अस्पताल में पसरा अंधेरा, मोबाइल की रोशनी में मरीजों का हुआ इलाज





सदर अस्पताल जिला का प्रमुख अस्पताल है। जिले भर के मरीज यहां इलाज कराने आते हैं। स्वास्थ्य केंद्रों, उप केंद्रों और रेफरल अस्पतालों से भी यहां मरीज इसलिए भेजे जाते हैं कि प्रखंड या अनुमंडल के अस्पतालों से यहां बेहतर इलाज हो सके। लेकिन इसके विपरीत यहां की स्थिति है। सदर अस्पताल प्रशासन ने इस जिला स्तरीय अस्पताल की हालत चौपट करके रखी है। आलम यह है कि अन्य सुविधाएं तो दूर यहां उचित रोशनी की भी इंतजाम नहीं है। इसी प्रकार बीते देर रात्रि इस अस्पताल में अचानक लाइन कट गई। जिसके बाद यहां पर अंधेरा पसर गया। इस दौरान कई मरीजों का इलाज कैंडल लाइट व मोबाइल टॉर्च की रोशनी में हुई। इस प्रकार यहां पर मोबाइल टॉर्च जलाकर डॉक्टर इलाज करते रहे, बिजली पंखा बंद रहने से मरीजों को काफी परेशानी हुई। लगभग 3-4 घंटे तक अंधेरे में डूबा रहा अस्पताल. आपको बता दें कि अस्पताल में जनरेटर भी लगा हुआ है लेकिन पिछले कुछ महीनों से वह भी खराब पड़ा हुआ है। वहीं बिजली नहीं रहने की स्थिति में एडिशनल बैकअप के तौर पर लगभग डेढ़ करोड़ की लागत से सोलर सिस्टम की भी व्यवस्था की गई है लेकिन वह भी काम ना आया। इस मामले पर सीएस ने कहा कि कुछ टेक्निकल फॉल्ट हो गया था जिसके वजह से यह समस्या उत्पन्न हुई.

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