हजारीबाग:महंगाई और मूल्य वृद्धि को लेकर भारतीय मजदूर संघ ने किया धरना प्रदर्शन



हजारीबाग भारतीय मजदूर संघ जिला कमिटी द्वारा जिला मुख्यालय में जिलाध्यक्ष नवीन सिन्हा की अध्यक्षता में धरना प्रदर्शन किया गया ।विभिन्न मांगो को लेकर 8 सूत्री मांग पत्र संघ के जिला प्रभारी मनोरमा सिन्हा, रविन्द्र शर्मा, खुलेश्वर भोगता, प्रवीण सिंह, गैलैक्सी गौरव के नेतृत्व में माननीय प्रधानमंत्री भारत सरकार नई दिल्ली एवं माननीय मुख्यमंत्री झारखण्ड सरकार रांची के नाम उपायुक्त हजारीबाग को सौपा गया। जिसमे कोरोना के महामारी के लगातार फेलने के बाद,औधोगिक गतिविधियो में गिरावट आर्थिक कार्यकलापो के क्षरण और बढ़ती हुई बेरोजगारी व वेतन कटौती और अब आवश्यक वस्तुओ की कीमतों में बढ़ोतरी समान्य जन को बुरी तरह प्रभावित कर रही है।उपभोक्ता महंगाई आम जनता के साथ-साथ श्रमिकों/कर्मचारियों को विशेष रुप से प्रभावित कर रही है।विगत 18 महिनो से महंगाई दर 6 प्रतिशत की सीमा पार कर चूकि है, जबकी पाँच वर्षो से महंगाई दर 3 से 5 प्रतिशत के बीच रही।खाद्य पदार्थों एवं दवाईयों के तीव्र मूल्य वृध्दि ने जनता एवं श्रमिकों /कर्मचारियों का जीवन कठिन बना दिया है।अंतराष्ट्रीय मूल्यो के वृध्दि के नाम पर देश में खाद्य तेलों की कीमते बढ़ाई जा रही है।सरकार को ये अनचाही आयातित महंगाई पर नियंत्रण करना चाहिये।कम्पनिया उपभोक्ताओं को लूटने के लिये कालाबजारि करके मौके का अनुचित फायदा उठा रही है।केंद्र सरकार द्वारा अत्यावश्यक वस्तु अधिनियम की धारा 3(1) में से खाद्यय तेल,तिलहन,दलहन,प्याज और आलू को मुक्त कर दिया है।सरकार की भावना किसानो के मदद के लिये हो सकती है।परंतु इसका लाभ सटौरियो और कालाबजारियो ने उठाया और बाजार में इसकी कृत्रिम कमी करके उन्होने इनके मूल्यों में अत्यधिक वृध्दि भी की है। कच्चे तेल धातु आदि के कीमतों में बढ़ोत्तरी भी आवश्यक वस्तु की वृध्दि का कारण है।देश में भवन निर्माण सामग्री की तेजी से बढ़ती हुई कीमतों के कारण भवननिर्माण कार्य महंगा होता जा रहा है।कम्पनिया आपस में साठगांठ करके कीमतों में कृत्रिम बढ़ोतरी करके लाभ कमाने का प्रयास कर रही है,जिसे रोका जाना अति आवश्यक है।धातुओं व अन्य आयातित वस्तुओ की बढ़ती हुई कीमते लम्बे समय तक चलने वाली उपभोक्ता वस्तुओं,रशायन वस्त्र उधोग सहित देश के सभी उधोगो में समस्याएँ खड़ी कर रही है। उपभोक्ता वस्तुओं की कीमत उत्पादन लागत से एक अनुपात में होनी चाहिये।यह उपभोक्ताओं के संज्ञान में लायेगा कि उत्पादनकर्ता द्वारा कितना लाभ कमाया जा रहा है।अतएव भारतीय मजदूर संघ केंद्र सरकार व राज्य सरकार से मांग करती है कि *1.* उत्पादनकर्ता द्वारा प्रत्येक वस्तु की लागत मूल्य की घोषणा अनिवार्य करने का कानून बनाकर इसे लागू किया जाय। *2 .* आवश्यक वस्तुओं एवं पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों में बढ़ोत्तरी पर नियंत्रण रखना। 3.पेट्रोलियम पदार्थों के प्रतिदिन कीमत निर्धारण पद्धति का समापन करना और पेट्रोलियम पदार्थों को जी0एस0टी0 के दायरे में लाया जाय। 4. धातुओं एवं अन्य वस्तुओं की अंतराष्ट्रीय कीमतों में बढ़ोत्तरी छदम बहाने द्वारा व्यक्तियों पर आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत कारवाई करना। 5.किसानों को परिश्रमीक भुगतान द्वारा खाद्य पदार्थों के उत्पादन में बढ़ोत्तरी हेतु कदम उठाना। 6.खाद्य तेलों , दालों एवं अन्य खाद्य पदार्थों के संदर्भ में देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए खाद्य पदार्थों के मूल्यों पर नियंत्रण आवश्यक है इस हेतु लंबी अवधी के लिए योजना बनाई जाय। 7. सार्वजनिक क्षेत्रों एवं निजी क्षेत्रों दोनो के श्रमिक/कर्मचारियो का वेतन बढ़ाकर ,महंगाई की क्षतिपूर्ति हेतु कदम उठाना। 8. अत्यावश्यक वस्तु अधिनियम की धारा 3 (1) में की गई उपरोक्त छुट को तुरंत वापस लिया जाय।

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