भुपेन्द्र पान्डेय
गिद्धौर(चतरा)प्रखंड पंचायत की स्थिति देखा जाए तो आज से 11साल पहले की समय अच्छी थी।पंचायती राज के तहत बीते 11 साल में अब तक पंचायत के सलगा गांव का स्थिति बिल्कुल जैसे की तैसी है।बताया जाए आ देखा जाय तो पिछले 11 साल से भी अभी की स्थिति बिल्कुल खराब है।समय के अनुसार होने वाले परिवर्तन में सड़क का हाल आज भी बिल्कुल खराब है। जबकि प्रधानमंत्री सड़क योजना के तहत सड़क बनाई गई और कुछ ही दिन में गड्ढों में तब्दील हो गई।यहां के ग्रामीणों को किसी भी प्रकार की कोई सुविधा नहीं मिल पाई है।और नहीं मिल रही है। जबकि मुख्यालय के सामने सलगा गांव पड़ता है।मुख्यालय के नजदीक होने के वजह से स्वस्थ भारत के तहत गांव को गोद लिया गया था।ताकि घर-घर शौचालय एवं जल की सुविधा ग्रामीणों को मिलेगी।जो गांव से कोसों दूर है।मुखिया के द्वारा भी गांव को गोद ली गई थी की गांव में हर एक सुविधा पंचायती राज के तहत मिलेगी जो यहां के ग्रामीण आज तक सपने में देखते आ रहे हैं। द आर्ट ऑफ लिविंग के तहत भी सलगा गांव को गोद लिया गया था।जो आज तक गांव कोसों पीछे पड़ा हुआ है।बताते चलें कि तत्कालीन मुखिया के द्वारा लगाई गई जल मीनार पिछले 6 महीना से मोटर खराब है। जिसे इलाज के लिए रांची भेजा गया और कोरोना की वजह से मोटर की डेथ हो गई।और शोभा बढ़ाने के लिए गांव में जल मीनार टंकी एवं सोलर प्लेट गांव में बेकार पड़ा खड़ा है। गांव के ग्रामीणों द्वारा मुखीया को जल मीनार में मोटर लगाने की सूचना दी गई।तो मुखिया टाल बेटाल कर अपने दलालों के थ्रू आज तक मोटर नहीं लगवाई। जबकि 5 साल जल मीनार का देखरेख मुखिया एवं पंचायत सेवक की निगरानी में करनी है।और यहां के ग्रामीण जल के लिए इस महीने में दूर-दूर से जाकर पीने वाला पानी ला कर अपना जीवन व्यतीत कर रहे हैं। ग्रामीण को सोचने की बात है कि गर्मी के महीने में यहां क्या स्थिति गुजरती होगी।गिद्धौर पंचायत में जनप्रतिनिधि सुविधा के जगह में ही सुविधा करवाने का कार्य करते हैं। और फिर से चुनाव आ चुका है।और अनेको प्रत्याशी चुनावी मैदान में जंग के लिए उत्सुक दिख रहे हैं। और बड़े-बड़े डिंग देना प्रारंभ कर दिए हैं।आने वाला दिन सलगा गांव के लिए क्या होगा यह कहा नहीं जा सकता। पुराने प्रतिनिधि दावा कर रहे हैं कि पिछले समय में सीखने में समय बीत गई अबकी चुनाव जीताइए और अपना लाभ खुद लीजिए।
8 दिसम्बर से बहेगी तुलसी भागवत नगर शोभायात्रा के साथ कतरास के नदी किनारे नियर सुर्य मंदिर मंदिर में भागवत की व्यार।
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