जमुई से सरोज कुमार दुबे की रिपोर्ट
जिले के सोनो प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत बरनार नदी घाट पर बालू खनन का विरोध कर रहे
आम जनों के हितों का ख्याल रखने का जिम्मा संभाल रहे प्रशासन के प्रति ही सोनो में आम लोग गुस्से में है। प्रशासन पर बालू कारोबारियों पर सख्ती बरतने की बजाए उन्हें संरक्षण देने का आरोप है। लिहाजा सोनो में बालू खनन को ले लोगों में प्रशासन के प्रति नाराजगी बढ़ती जा रही है। रविवार को एक बार फिर बरनार नदी के सोनो घाट से बालू का उठाव प्रारंभ हुआ, लिहाजा लोग गुस्से में है।दरअसल बीएसएमसी से तीन महीने के बालू खनन का अवधि विस्तार मिलने के बाद से ही बरनार नदी के सोनो घाट से किसानों ने बालू उठाव के विरोध में आंदोलन शुरू किया। जाति, धर्म, क्षेत्रीय राजनीति व आपसी मनमुटाव को भूलकर बरनार की अस्मिता से जुड़े इस आंदोलन में सभी वर्गों के लोग शामिल हो गए। लिहाजा बरनार नदी के सोनो घाट पर बालू का उठाव कुछ दिनों तक बंद रहा। बालू उठाव के विरोध के बाद जिला खनन पदाधिकारी गोपाल कुमार विगत 19 अक्टूबर को स्थल निरीक्षण करने पहुंचे। उन्होंने ग्रामीणों के आंदोलन को गलत ठहराते हुए संवेदक के द्वारा मानक के अनुरूप ही बालू उठाव किए जाने की बात कही। हालांकि इस दौरान भी ग्रामीणों ने खनन पदाधिकारी का विरोध किया था। ग्रामीणों पर दर्ज हुआ मुकदमा खनन पदाधिकारी के स्थल निरीक्षण के बाद संवेदक के द्वारा पुनः सोनो घाट से बालू उठाव शुरू किया गया, जबकि ग्रामीण बरनार नदी बचाओ संघर्ष समिति के बैनर तले लगातार बैठक कर रहे थे और बालू उठाव नहीं हो ना देने पर अड़े थे। ग्रामीणों ने बालू उठाव कर रहे जेसीबी व पोकलेन मशीनों को नदी से बाहर निकाल कर बालू उठाव बंद कर दिया गया। संवेदक के द्वारा आंदोलन कर रहे 16 ग्रामीणों सहित अन्य पर मुकदमा दर्ज किया गया। लिहाजा यह शांतिपूर्ण आंदोलन तीव्र हो गया।
बरनार बचाओ का नारा लगा ग्रामीण सड़क पर उतर गए। हजारों की संख्या में ग्रामीणों ने प्रतिवाद मार्च निकाला और प्रशासन पर संवेदक को संरक्षण देकर ग्रामीणों पर झूठा मुकदमा दर्ज करने का आरोप लगाकर प्रशासन के विरोध में नारेबाजी की। इस प्रतिवाद में मार्च में प्रखंड प्रमुख शीला देवी, मुखिया रेखा देवी, जमादार सिंह सहित विभिन्न पंचायतों के मुखिया, जनप्रतिनिधि, बुद्धिजीवी शामिल हुए। लिहाजा फिर सोनो घाट से बालू उठाना बंद हो गया।बाजार बंद कर जताया विरोध बीते गुरुवार को बड़ी संख्या में प्रशासन व पुलिस जवानों की मौजूदगी में एक बार फिर बालू का उठाव प्रारंभ किया गया। बालू उठाव शुरू किए जाने की जानकारी मिलते ही लोगों ने बैठक की और शुक्रवार को सोनो बाजार बंद कर विरोध जताया। सैकड़ों की संख्या में लोगों ने सोनो चुरहेत कॉजवे के समीप धरना दिया और संवेदक के प्रतिनिधि को बालू उठाव बंद रखने की हिदायत दी। शनिवार को तो बालू उठाव बंद रहा।इस बीच संवेदक के द्वारा नदी के बीच टेंट लगाया गया और रविवार को फिर से प्रशासन व पुलिस जवानों की मौजूदगी में बालू उठाव शुरू किया गया है। लिहाजा ग्रामीण आक्रोश में है और संवेदक को संरक्षण देने के आरोप में प्रशासन के प्रति उनकी नाराजगी बढ़ती जा रही है।