Posted by Dilip Pandey
कलकत्ता हाई कोर्ट ने पश्चिम बंगाल में 8 जुलाई को होने वाले पंचायत चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख बढ़ाने से इनकार कर दिया है. कोर्ट ने साफ कहा है कि नामांकन की तारीख को आगे नहीं बढ़ाया जाएगा. कोर्ट ने कहा, “समय बढ़ाने का फैसला पूरी तरह से एसईसी के पास है. एसईसी ऐसे मुद्दे से निपटने के लिए सक्षम है और कोर्ट इसे आयोग के विवेक पर छोड़ती है.कलकत्ता हाई कोर्ट में विपक्षी नेताओं की तरफ से समय बढ़ाने को लेकर याचिकाएं दायर की गई थीं. नामांकन दाखिल करने को लेकर जारी हिंसा और झड़पों के बीच सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने सोमवार (12 जून) को विपक्षी दलों पर हार के डर से चुनाव में देरी करने और राज्य की छवि धूमिल करने के लिए ‘साठगांठ करने’ का आरोप लगाया था.
क्या है विपक्ष का आरोप?
वहीं, विपक्षी दल बीजेपी (BJP), कांग्रेस और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (CPM) ने आरोप लगाया कि उनके उम्मीदवारों को टीएमसी के कार्यकर्ताओं की तरप से विभिन्न जिलों में नामांकन पत्र जमा करने से रोका गया है. विपक्षी दलों ने कहा था कि केंद्रीय बलों की तैनाती के बिना यहां शांतिपूर्ण और निष्पक्ष चुनाव होना असंभव है. इसपर कोर्ट ने कहा, “ऐसे क्षेत्रों में जहां केंद्रीय बलों को तैनात नहीं किया जाता है, वहां यह राज्य पुलिस की जिम्मेदारी होनी चाहिए.”
सुरक्षा को लेकर क्या बोला कोर्ट?
कोर्ट ने कहा, ” एसईसी (SEC) को मतदान एजेंटों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए. SEC को संवेदनशील क्षेत्रों में केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की तैनाती की मांग पर विचार करना चाहिए.” पश्चिम बंगाल में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 8 जुलाई को एक चरण में ही होंगे. नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख 15 जून होगी. त्रिस्तरीय पंचायती राज प्रणाली में ग्राम पंचायत, पंचायत समिति और जिला परिषद शामिल हैं.
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