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हमें यह बताते हुए अति प्रसन्नता हो रही है कि आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक, वैश्विक मानवतावादी और आध्यात्मिक गुरु, गुरुदेव श्री श्री रविशंकर कोलकाता की दो दिवसीय यात्रा पर थे, जब उन्होंने गीतांजलि स्टेडियम में 12,000 से अधिक लोगों को संबोधित किया, जिसमें बांग्लादेश, भूटान और आसपास के जिलों और ग्रामीण बंगाल से आये लगभग 6000 लोगों का एक समूह भी शामिल था। उन्होंने शहर के उद्योग जगत के 200 शीर्षस्थ व्यक्तियों और व्यवसाय मालिकों से भी मुलाकात की।
कृपया गुरुदेव की कोलकाता यात्रा के बारे में अधिक जानकारी नीचे पाएं। प्रेस विज्ञप्ति यहां अंग्रेजी, हिंदी और बंगाली में उपलब्ध है।
रविवार 2023, 3 दिसंबर, कोलकाता: गीतांजलि स्टेडियम में गुरुदेव श्री श्री रविशंकर के साथ बांग्लादेश और भूटान के समूहों सहित 12,000 लोगों में मंत्रोच्चार, ध्यान, नृत्य, गायन और ज्ञान का आनंद लेते हुए उल्लास की लहरें उठीं।
वर्तमान समय में सर्वाधिक अनुयायियों द्वारा अनुसरण किए जाने वाले आध्यात्मिक महापुरुषों में से एक, द आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक, गुरुदेव श्री श्री रविशंकर, चार साल बाद दो दिवसीय यात्रा के लिए शहर में आये थे।
गुरुदेव ने 3 दिसंबर को विशाल गीतांजलि स्टेडियम में 12,000 व्यक्तियों की सशक्त सार्वजनिक सभा को संबोधित किया, जहाँ बंगाल मेडिटेट्स कार्यक्रम का हिस्सा बनने के लिए आसपास के जिलों और ग्रामीण बंगाल से लगभग 6,000 लोग पहुंचे।
गुरुदेव ने कहा, “गलती करने से डरो मत, बल्कि हर बार एक नई गलती करो।” उन्होंने कहा, “मन में स्पष्टता, हृदय में पवित्रता और कार्यों में ईमानदारी, ख़ुशी और स्वयं के प्रति प्रामाणिक बने रहने की कुंजी है।” संबंध टूटने और रिश्तों में बदलती गतिशीलता के विषय पर गुरुदेव ने कहा, “दूसरे हमारे प्रति अपना प्यार सिद्ध करें, ऐसी अपेक्षा हमें नहीं रखनी चाहिए। यह एक बोझ बन जाता है।”
गुरुदेव ने शहर के उद्योग जगत के 200 से अधिक प्रमुखों और व्यवसाय मालिकों को भी संबोधित किया।
तकनीकी जगत के प्रमुखों को संबोधित करते हुए, गुरुदेव ने साझा किया कि पूर्व में विज्ञान कभी भी आध्यात्मिकता के साथ टकराव की स्थिति में नहीं रहा था और यहां परीक्षण की भावना को हमेशा प्रोत्साहित किया गया था। गुरुदेव ने हिंसा, अवसाद और अलगाव की घटनाओं में चिंताजनक वृद्धि और शांति की शिक्षा की तत्काल आवश्यकता के बारे में भी बात की।
हिंसा-मुक्त और तनाव-मुक्त समाज के उनके दृष्टिकोण ने 500 मिलियन लोगों को प्रेरित किया है और उन्हें मानवीय मूल्यों की पुनर्जागृति के माध्यम से दुनिया की भलाई के लिए काम करने के लिए प्रोत्साहित किया है। वह एक विश्व परिवार के प्राचीन आदर्श को जीवंत करके समाज में धार्मिक, सामाजिक, वैचारिक और आर्थिक विभाजन को दूर करने में लगे हुए हैं। उन्होंने महिलाओं के सशक्तिकरण, संघर्ष समाधान (कश्मीर, बिहार, भारत के पूर्वोत्तर और कोसोवो, कोलंबिया, लेबनान, इराक और जमैका जैसे देशों में), आपदा और आघात राहत, कैदी पुनर्वास, गांवों में सतत विकास और सबके लिए शिक्षा को बढ़ावा देने सहित कई मानवीय पहलों को प्रेरित किया है। ।
पहले गुरुदेव ने पश्चिम बंगाल में प्रोजेक्ट ‘उड़ान’ की शुरुआत के लिए प्रेरित किया था, जो यौनकर्मियों के बच्चों के लिए सुरक्षित आश्रय बनाने और उन्हें मुख्यधारा के समाज में वापस लाने में मदद करने का एक अग्रणी प्रयास था। आज आर्ट ऑफ लिविंग इन बच्चों के लिए जोका में एक आवासीय विद्यालय चलाता है, जहां उन्हें समग्र मूल्य-आधारित शिक्षा, पौष्टिक भोजन और विकास के लिए एक आत्मीय और मैत्रीपूर्ण वातावरण प्रदान किया जाता है।
राज्य में प्राकृतिक खेती, नशामुक्ति और कौशल विकास कार्यक्रमों के क्षेत्र में भी सेवा परियोजनाएँ चलायी जा रही हैं।
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