Dhanbad: जुन को हुल दिवस भारतीय जनतंत्र मोर्चा के झारखंड प्रदेश के महासचिव श्री रमेश पांडे जी के कार्यालय में सिंधु कान्हु के तस्वीर पर मालयार्पण कर मनाया गया इस अवसर पर श्री रमेश पांडे जी ने बताया की 1857 को सिपाही विद्रोह को ही आजादी लड़ाई का सबसे बडा आंदोलन का दर्जा प्राप्त है। मगर 1857 से दो साल पहले1855 में हीं सिदो कान्हु चांद भैरव और फूलो झानो के नेतृतव में संथाल में विद्रोह का उलगुलान हुआ जिसमें 50 से 60 हज़ार आदिवासियों ने जल जंगल और जमीन की रक्षा के लिए फिरंगियों से लोहा लिया अंततः अंग्रेजी हुकूमत ने 22 दिसंबर को संथाल परगना जिले का निर्माण किया और आदिवासियों की जमीन पर उनका अधिकार दिलाने के लिए सी एन टी एस पी टी अक्ट बनाया 1874 में शेड्यूल एकट जिसके कारण आज आदिवासियों की जमीन सुरक्षित हैं इसी को हम हुल क्रांति के नाम से जाना जाता है अलग राज्य बनने के बाद 30 जुन को हुल दिवस के रूप मनाया जा रहा हैं इस अवसर पर सिदो कान्हु चांद भैरव और फूलों झनों को श्रद्धा सुमन श्री रमेश पांडे जी के द्वारा अर्पित किया गया इस कार्यकर्म मुख्य रूप से श्री नागेन्द्र सिंह जी श्री अनिल पाण्डेय जी श्री दिशू जी श्री आशीष तिवारी सन्तोष जी छोटू रोहित शर्मा ऋषि खना राहुल साव इत्यादि लोग उपस्थति थे
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