चंद्र ग्रहण
हृषिकेश पंचांग के अनुसार
दिनांक 19.112021 कार्तिक शुक्ल पक्ष पूर्णिमा शुक्रवार को चंद्र ग्रहण लगेगा।यह खंड चंद्र ग्रहण भारत के अरुणाचल प्रदेश के सुदूर भाग में ग्रस्तोंदित्य खंड चंद्रग्रहण के रूप में चंद्रोदय के समय अति अल्प दृश्यता वाला होगा भारत के अलावा या ग्रहण पेसिफिक समुद्री क्षेत्र दक्षिण अमेरिका ऑस्ट्रेलिया आदि क्षेत्रों में दृश्य होगा भारतीय समयानुसार खंड चंद्र ग्रहण का प्रारंभ 12:49 से तथा मोक्ष 16:27 पर होगा इस ग्रहण की कुल अवधि 3 घंटा 29 मिनट का है। खंड चंद्रग्रहण का मध्य 14:34 तथा इसका ग्रास मान 0.97 42 होगा।भारत के अरुणाचल प्रदेश के सुदूर पूर्वोत्तर में चंद्रोदय के समय यह ग्रस्तों दित्य खंड चरण चंद्र ग्रहण का मोक्ष 16:17 पर अति अल्प दृश्यता वाला होगा भारतीय मानचित्र में रेखा स-द से खंड चंद्रग्रहण का पथ दर्शाया गया है।
महावीर पंचांग के अनुसार ग्रहण पर विचार
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19.11.2021 को ग्रस्तोदित खंड चंद्र ग्रहण लगेगा इस ग्रहण का स्पर्श दिन में 12:48 पर होगा मध्य दिन 2:33मिनट पर होगा ।और मोछ 4:17 दिन में होगा भारत के सुदूर पूर्वी सीमा के अत्यंत कम समय के लिए यह ग्रहण का मोक्ष सुक्षमता से देखने पर ही दिखाई देगा या ग्रहण का भी को विशेष धार्मिक महत्व नहीं है ।भारत के अतिरिक्त मुख्य रूप से यह ग्रहण ऑस्ट्रेलिया थाईलैंड इंडोनेशिया रूस और चीन के पूर्वोत्तर भागों में दिखाई देगा।
इस ग्रहण का प्रभाव भारत में सिर्फ अरुणाचल प्रदेश में ही है बाकी राज्यों में झारखंड और बिहार में इसका प्रभाव नहीं है इसलिए पूजा-पाठ यज्ञ अनुष्ठान आदि कर सकते हैं गर्भवती महिलाओं के लिए भी झारखंड बिहार में कोई दोष नहीं है।
ग्रहण काल में सूतक का प्रभाव चंद्र ग्रहण में 9 घंटा पूर्व स्पर्श के समय एवं पुनः मोछ के समय स्नान करना चाहिए सूतक लग जाने पर मंदिर में प्रवेश करना मूर्ति को छूना भोजन करना मैथुन क्रिया करना यात्रा करना वर्जित है बालक वृद्ध और रोगी अतिआवश्यक होने पर भोजन ले सकते हैं ।भोजन में जैसे दूध दही घी इत्यादि में कुशा रख देना चाहिए ग्रहण के बाद पीने का पानी ताजा लेना चाहिए ।गर्भवती महिलाएं पेट पर गाय के गोबर का पतला लेप लगाना चाहिए तो ग्रहण का दोष नहीं लगता है। अवधि में श्राद्ध दान जप मंत्र सिद्धि इत्यादि का शास्त्रोक्त विधान है याद रखें कि जहां दिखाई देता है सूतक वही लगता है। जहां ग्रहण दिखाई नहीं पड़ता है वहां सूतक का मान नहीं है एवं धर्म शास्त्रीय मान्यताएं भी वही लागू होती है तथा उनका फलाफल भी वही लागू होगा। ज्योतिषाचार्य संदीप मिश्रा से हुई बात
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