गया की मेडिवरस होस्पिटल के सुप्रसिद्ध डा तैजस्वी नंदन.ने पत्रकारों से बताया की प्रेगनेंसी एक बहुत ही खूबसूरत गिफ्ट है किसी भी महिला के लिए । लेकिन यह 9 महीना किसी भी महिला के लिए भी आसान नहीं होता। उन्होंने बताया किआज हम लोग बात करेंगे 9 महीने के दिक्कतों के बारे में जो हर महिला गुजरती है
*घर मे घेरलु नुखसे*
सबसे आम हे शुरू के दिन मे उलटी आना, खाने का मन नहीं करता है इसके लिए क्या कर सकते हैं घर में जब आपको लगे जी मिचला रहा हो या उल्टी आ रही हो लग रही हो तो दो घंटे के अंतराल मे कुछ फुरुट,बिस्किट आदी खाए । इस तरह की आप एक बार में बहुत खा नहीं पाएंगे,क्योंकि अगर आप खाते हो तो थोड़ी देर के अंतराल मे खाए,
दुसरी चिज होती कोस्टीपेशन होना साफ लेट्रिग नही होता है तो आप सब्जी,साग , फुरुट,सलाद खाए,पैखाने मे ज्यादा समय न ले, काफी जोड न लाये,तुरंत डाक्टर से मिलीए सही दवा ले सके। पिठ का दर्द होना प्रेग्नेंसी मे अक्सर सुनने को मिलती है इसका कारण होता बच्चे का वजन बढता है आपके पेट का भार आपके पिठ पर आता है इसके लिए ज्तादा देरी खडे न हो,कुछ एक्सरासाइज करे,कुछ जेल आते है आप उसे लगा सकते है दुसरी चिज होती है पैरो मे सुजन आना यह प्रेगनेंसी मे नोमन है आप इसके लिए बिपी नपाते रहे,ज्यादा देर तक पैर नही लटकाए,आप जब सोने जाए जो पैर के तरफ तकिया लगाकर सोये,इसके अलावा है कि प्रेंग्नेंसी के समय नीद नही आती है इसके लिए महिला ,जो भी समस्या है आप उसे फेमली वाले से सेयर करे,अच्छी किताबे पढे,अच्छे गाणे सुने, कुछ ऐसा करे जिसमै आपको मन करे जिससे आपको निंद आ जाऐगी।और आगे डा नंदन ने बताया की प्रेंग्नेंसी के समय आम तोर महिलाओं को खुजली भी होती है महिला प्रोटीन की मात्रा बढाय, वीटामिन सी ले,इ ली,जैतून के तैल लगाए,आप खाने मे तला भुजा खाने से परहेज़ करे,नारियल तैल लगाए,।बहुत चिडिया पन होता है आप जंक फुड से परहेज करे,वजन बढता है शुरुआती तिन महिना तिन किलो बजन बढता है,फिर चोथे से छ: पाच किलो बढता है छ: से नवे महिने मे पाच किलो वजन बढता,पुरी नौ.महीने मे ग्यारह किलो एक गर्भवती महिला का वजन बढता है क
क्या करना है क्या नही करना है प्रेंग्नेंसी के दोरान-
अपने आप को साफ रखे,हमेशा नाखुन काटे,अपने जेनाइटल एरीया को भी साफ रखे जिससे इनफ्केशन नही हो पाए। थोडे ढिले कपढे पहने ,कोइ टाइट कपडे नही पहने,हिलस नही पहने,पोरपर टेस्ट कराते रहे,डा को परोपर मिलते रहनी चाहिए डा से,शुरु के आठ महिना मिलते रहे दवा एव चेकअप होता है इसमे दवा जो दिया जाता है.वह फोलिक एसीड दिया जाता है उसके अलावा दिक्कत हैं तो दवा ऐड की जाती है चोथे महिने से आयरण, केल्सियम की गोली दी जाती है एक टेटनस की सुइ दी जाती है पाचवे,छ वे महिना मे।आठवे महिना मे पनद्रह दिनो मे चेकअप किया जाता है जब तक बच्चा नही हो जाता है सही से रहे,सुरक्षित रहे ,आपकी प्रेग्नेंसी।
सोनो(जमुई): – बढ़ी चुनावी सरगर्मी, मतदाताओं को लुभाने में जुटे प्रत्याशी पैक्स चुनाव- स्क्रूटनी के बाद सभी नामांकन वैध, कल तक लिए जा सकेंगे नाम वापस
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