धनबाद। मंगलवार को झारखंड प्रदेश ईंट निर्माता संघ की प्रेस वार्ता धनबाद क्लब में आयोजित की गई। संघ के अध्यक्ष अनंत नाथ सिंह ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा झारखंड राज्य अंतर्गत 2500 के लगभग ईट भट्ठे संचालित हैं जिसमें दो से तीन लाख स्थानीय कृषि, ग्रामीण, मजदूर कार्यरत है। इसके अतिरिक्त परिवहन निर्माण एवं अन्य कार्यों से जुड़े मजदूर है ।सरकार की व्यवहारिक पर्यावरणीय नीतियों के कारण उत्पादन बाधित होता है। सरकारी राजस्व जमा करने में सीटीओ, सीटीई ,ईसी ,सरकारी शुल्क एवं संपूर्ण कागजात विभाग में जमा करने के बाद भी ईट भट्ठा के नियमित संचालन में बाधा उत्पन्न होती है। पर्यावरणीय स्पष्ट नीति बनाकर इसका समाधान किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा देश के अन्य राज्यों उत्तर प्रदेश, बिहार, बंगाल में ईंट भट्ठे का संचालन हेतु मिट्टी के खनन में ईसी (स्वच्छता प्रमाण पत्र) की आवश्यकता में छूट दी है।इसके संबंध में राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को ज्ञापन दिया गया। विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह ने भी झारखंड विधानसभा में प्रश्नकाल में उठाया। सरकार ने समिति गठित कर इसे समाधान की बात की लेकिन अभी भी कार्य रूप में परिणित तो नहीं हो सका। ईट की बिक्री पर जीएसटी की दर विगत वर्ष से 6 गुना (1% से 6% 5% से 12%) कर दिया गया है। इससे पूर्व की भांति 1% से 5% ही रखा जाए क्योंकि ग्रामीण अंचल सामान्य जन उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त बोझ है। साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सस्ता सुलभ मकान उपलब्ध कराने की नीतियों के विरुद्ध है। ईट भट्टा में कोयला सरकारी व्यवस्था सीआईएल से फ्लोर रेट लिस्ट में उपलब्ध नहीं होने के कारण बिचौलियों से खरीदना पड़ता है। जिसकी कीमत विगत वर्ष की तुलना मे तिगुना हो गया। सरकार से हम मांग करते हैं कि भट्ठा उद्यमियों को कोयला सरकारी दर पर उपलब्ध कराएं जिससे ईट भट्ठा उत्पादन लागत कम हो। एआईबीटीएमएफ नई दिल्ली में सरकार की अस्पष्ट नीतियों एवं दमनकारी कानूनों के विरोध में देश के ईट भट्ठा का उत्पादन ईट सत्र 2022 2023 में पूर्णता बंद करने का निर्णय लिया गया है। जब तक सरकार हमारी मांगों पर सहानुभूति पूर्वक सकारात्मक विचार नहीं करती है। उन्होंने कहा हमारा संघ आईबीटीएमएफ नई दिल्ली के बंदी का पूर्ण समर्थन करता है। एवं राज्य में कार्यरत एक भी ईट भट्ठा से ईटों का उत्पादन पूर्णांक बंद रहेगा। जब तक सरकार के द्वारा सकारात्मक पहल नहीं होगी। हमारा संघ मुख्यमंत्री झारखंड सरकार, केंद्रीय वित्त मंत्री भारत सरकार एवं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह करता है कि इस कुटीर उद्योगों को राज्य हित, उद्योग हित, मजदूर हित, विकास हित एवं राष्ट्रहित में समस्या का समाधान कराए जाने की कृपा करें.
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