झरिया कोलफील्ड बचाओ समिति के अध्यक्ष मुरारी शर्मा का आकस्मिक निधन झरिया कोलफील्ड बचाओ समिति के अध्यक्ष एवं कोयलांचल के मानिंद बुद्धिजीवियों में से एक मुरारी शर्मा का आकस्मिक निधन हो गया. वे 77 वर्ष के थे. आज सुबह 9.30 बजे तक वे बिल्कुल फिट थे. झरिया कोलफील्ड बचाओ समिति के लिए एक लेटर तैयार किया. थोड़ी देर बाद उन्हें बेचैनी की शिकायत हुई, पसीना आया और उसके तत्काल बाद 10.00 बजे तक प्राणांत हो गया. आनन-फानन में डॉक्टर को बुलाया गया. उन्होंने जब चेक किया, तब तक श्री शर्मा दुनिया-ए-फानी से कूच कर चुके थे. वे अपने पीछे पत्नी, चार पुत्रियां, दामाद समेत भरा-पूरा परिवार छोड़ गए हैं. उनके निधन ने कोयलांचल में शोक की लहर दौड़ गयी है. वे झरिया के प्रसिद्ध समाजसेवी हेतराम शर्मा के भतीजे थे.
उनके निधन पर शोक जताते हुए जीटा महासचिव राजीव शर्मा ने कहा कि, “मुरारी जी के निधन की खबर सुनकर स्तब्ध हूं. उनका जाना झरिया कोलफील्ड बचाओ समिति के साथ-साथ मेरे लिए व्यक्तिगत क्षति है. वे विषयों को समझने वाले गंभीर इंसान थे. उनकी कमी पूरी नहीं की जा सकती है.”
देशबन्धु सिनेमा के संचालक गोपाल अग्रवाल ने भी श्री शर्मा के निधन पर गहरा शोक जताया है. उन्होंने कहा कि, “झकोफीबस के लिए यह गहरी क्षति है. पहले आर एस राय, फिर अशोक अग्रवाल और अब मुरारी शर्मा का जाना झरिया बचाने के लिए हो रहे आंदोलन के लिए बड़ा धक्का है.”
चेंबर नेता अमित साहू (दीपू) ने कहा कि, “झरिया को जगाने वाले आज खुद ही सो गए. यह अत्यंत दु:खद घटना है.”
श्री शर्मा के निधन पर राजकुमार अग्रवाल, राजीव शुुक्ला, सत्यनारायण भोजगढ़िया, विष्णुकांत शर्मा, माधवी सिंह, अनिल भोजगढ़िया, गोविन्द नाथ शर्मा, श्रीकांत अम्बष्ठ, स्वप्न मजूमदार, शैलेन्द्र सिंह, शिवबालक पासवान, सौरभ शर्मा, सन्नी शर्मा समेत कई लोगों ने गहरा शोक व्यक्त किया है.
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