ईसीआरकेयू के अध्यक्ष, महामंत्री तथा
जोनल सेक्रेटरी को सम्मानित किया गया
ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन के महामंत्री शिवगोपाल मिश्रा ने राष्ट्रीय अधिवेशन के दूसरे दिन प्रतिनिधि सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि पुरानी पेंशन कोई चेरिटी नहीं है , ये रेल कर्मचारियों के लिए सोशल सिक्योरिटी है. इसे वापस लेने के लिए फेडरेशन किसी भी हद तक जाने को तैयार है.फेडरेशन के अध्यक्ष डॉ एन कन्हैया ने कहा कि आज जो भी सुविधाएं रेल कर्मचारियों को मिली है उसके पीछे फेडरेशन के संघर्ष का लंबा इतिहास है . अनेकों रेलकर्मियों ने अपनी शहादत दी है. वे पुरी में आयोजित राष्ट्रीय स्तर के इस वार्षिक अधिवेशन के पहले दिन मंगलवार को पुरी रेलवे स्टेशन परिसर में आयोजित एक विशाल आम सभा को संबोधित करते हुए कहीं.
दूसरे दिन पुरी टाऊन हाल में आयोजित विशेष प्रतिनिधि सेशन में महामंत्री शिवगोपाल मिश्रा ने बड़ी संख्या में मौजूद युवा रेलकर्मियों को संबोधित करते हुए पुरानी पेंशन पर विस्तार से चर्चा की. इस सभा की अध्यक्षता फेडरेशन के अध्यक्ष डॉ एन कन्हैया ने किया. सभा में अपना सचिव प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए कहा कि पुरानी पेंशन की बहाली आज फेडरेशन की सर्वोच्च प्राथमिकता में शामिल है. नई पेंशन योजना के विरोध में हम केंद्रीय कर्मचारियों, राज्यकर्मियों, शिक्षको को साथ लाने की कोशिश कर रहे है. इसके लिए हमारे फेडरेशन के केंद्रीय नेतृत्व में बड़े आंदोलन की तैयारी चल रही है जिसमें देशभर के सभी सरकारी कर्मचारी, राज्य कर्मचारी और केंद्रीय कर्मचारी एकजुट होकर हिस्सा लेंगे. प्रथम चरण में राज्यस्तर पर नये पेंशन के खिलाफ आंदोलन की शुरुआत करते हुए देश भर से 5 लाख से अधिक सरकारी कर्मचारियों को दिल्ली बुलाया जाएगा और दूसरे चरण में संसद का घेराव करेंगे. इसके बाद भी हमारी बात नहीं सुनी गई तो हम किसी भी हद तक जाने को तैयार है. अंतिम चरण में अगर सरकार ने हमें मजबूर किया तो हम रेल का चक्का जाम करने से भी पीछे हटने वाले नही है.
महामंत्री ने कहा कि वैसे तो रेलमंत्री ने कई बार मुलाकात के दौरान कहा कि जो काम रेल कर्मचारी कुशलता पूर्वक कर रहे है, उन्हें कभी आउटसोर्स नही किया जाएगा, हमे रेलमंत्री पर भरोसा है , लेकिन सरकार की नीति और नीयत पर नहीं. उन्होंने कहा कि सरकार चोर दरवाजे से टुकड़ों में निजीकरण की साजिश कर रही है. फेडरेशन को यह कतई मंजूर नहीं है , रेल का निजीकरण किसी के हक में नही है, न इससे रेल का भला होगा, न रेलकर्मियों का कोई भला होने वाला है और न ही इससे रेल उपभोक्ताओं को ही कोई फायदा होगा. कोरोना अवधि का हमारा मंहगाई भत्ते का एरियर के भुगतान का मुद्दा मरा नही है. इस मसले पर भी बात हो रही है. हम निजीकरण का विरोध कर रहे है और आगे भी करते रहेंगे. रेलवे बोर्ड के समक्ष फेडरेशन ने कई महत्वपूर्ण मांगों को रखा है और उचित फोरम पर चर्चा की जा रही है. इन मांगों में रनिंग कर्मचारियों को उच्च ग्रेड पे देने, एल डी सी ई ओपन टू ऑल लागू करने, जोखिम भरा काम करने वाले सभी रेलकर्मियों को जोखिम भत्ता देने, सभी निम्न ग्रेड पे के कर्मचारियों को 4200 तक का ग्रेड पे देने, रिक्त पदों पर बहाली करने सहित कई मांग शामिल हैं.
अखिल भारतीय स्तर पर आयोजित इस अधिवेशन में ईसीआरकेयू के अध्यक्ष डी के पांडेय, तथा महामंत्री एस एन पी श्रीवास्तव तथा केन्द्रीय कोषाध्यक्ष सह जोनल सेक्रेटरी ओ पी शर्मा को मंच पर सम्मानित किया गया. इस अवसर पर ईसीआरकेयू के कार्यकारी अध्यक्ष एस एस डी मिश्रा,उपाध्यक्ष मनीष कुमार, बिन्दु कुमार,सहायक महामंत्री ओमप्रकाश,ए के दा,बी के झा,महेंद्र प्रसाद महतो,सुनील कुमार सिंह,आर एन चौधरी,बसंत दूबे,आई एम सिंह,अजीत कुमार,एस के श्रीवास्तव,आर एन विश्वकर्मा,रूपेश कुमार, सोमेन दत्ता सहित कई रेलकर्मियों ने भाग लिया.
उपरोक्त जानकारी ईस्ट सेंट्रल रेलवे कर्मचारी यूनियन के मीडिया प्रभारी एनके खवास ने दी।
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